राजस्थान की जनसंख्या कितनी हैं? – हाल ही में राजस्थान की 11वीं जनगणना हुई थी। भारतीय संविधान में जनगणना को संघ सूची का एक विषय में रखा गया हैं। भारत सरकार के द्वारा गृह मंत्रालय के द्वारा जनगणना आयुक्त एवं रजिस्ट्रार जनरल के द्वारा राज्यों में जनगणना प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल में होती हैं। लेकिन भारत में प्रथम जनगणना सन् 1972 में की गई थी। लेकिन भारत में सन् 2011 में 15वीं जनगणना की गई थी।
लेकिन देश में राजस्थान का स्थान आठवा हैं। लेकिन प्रथम जनगणना मौर्य काल में करवायी गई थी। लेकिन 2 जून 2014 में तेलगांना राज्य के गठन के पश्चात् राजस्थान का सातवाॅं स्थान हो गया था। लेकिन सन् 2011 की जनगणना के अनुसार 1 मार्च 2011 को राजस्थान में जनसंख्या 6.85 करोड़ थी। लेकिन इससे पहले सन् 2001 की जनसंख्या 5.65 करोड़ व्यक्ति थी।
राजस्थान में सन् 2001-11 की अवधि तक 120 लाख लोगों में बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन सन् 2001-2011 के दशक में राजस्थान की जनसंख्या की वृद्धि समस्त भारत की तुलना में लगभग 3.6 प्रतिशत में अधिक हुई हैं। लेकिन सन् 1911 से1921 के बीच जनसंख्या में काफी गिरावट हुई थी। इसी प्रकार हम राजस्थान की जनसंख्या के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करेगे।
राजस्थान की जनसंख्या कितनी हैं? (What is the Population of Rajasthan in Hindi) :
2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या और पुरूषों की कुल संख्या, महिलाओं की संख्या निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
राजस्थान की जनसंख्या – 68,548,437
पुरूषों की कुल संख्या – 35,554,169
महिलाओं की संख्या – 32,994268
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राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिले कौन कौनसे हैं? (Which are the most Populated Districts in Rajasthan in Hindi) :
राजस्थान में सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिले निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- जयपुर
2- जोधपुर
3- अलवर
4- नागौर
राजस्थान में कम जनसंख्या वाले जिले कौन कौनसे हैं? (Which are the Low Populated Districts in Rajasthan in Hindi) :
राजस्थान में सबसे कम जनसंख्या वाले जिले निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- जैसलमेर
2- प्रतापगढ़
3-सिरोही
4- बूॅंदी
राजस्थान की जनसंख्या दशकीय वृद्धि दर क्या हैं? (What is the Decadal growth rate of Population of Rajasthan in Hindi) :
जब किसी भी देश में बहुत ज्यादा आबादी बढ़ती होती हैं उसे जनसंख्या वृद्धि कहते हैं। जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत दूसरे नम्बर पर हैं। और प्रथम स्थान पर चीन हैं। 10 वर्षो के मध्य जनसंख्या में होने वाली जनसंख्या को दशकीय जनसंख्या कहते हैं। राजस्थान में दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 21.3 प्रतिशत हैं। राजस्थान में सर्वाधिक दशकीय जनसंख्या वाला जिला बाड़मेर हैं और राजस्थान में सबसे कम दशकीय जनसंख्या वाला जिला गंगानगर हैं।
राजस्थान में दशकीय जनसंख्या में वृद्धि वाले जिले कौनसे हैं? (Which are the districts with decadal Population growth in Rajasthan in Hindi) :
राजस्थान में दशकीय जिले निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- बाड़मेर
2- जैसलमेर
3- जोधपुर
राजस्थान में दशकीय जनसंख्या में कमी वाले जिले कौनसे हैं? (Which are the districts with decadal Population decline in Rajasthan in Hindi) :
राजस्थान में सबसे कम दशकीय जिले में निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- गंगानगर
2- झुंझुंनू
3- पाली
राजस्थान में सन् 2001-2011 की अवधि में अवधि में जिलेवार जनसंख्या की वृद्धि दरें –
1- सन् 2001-2011 की अवधि में राजस्थान के 33 जिलों में जनसंख्या की सर्वाधिक वृद्धि दर बाडमेर जिले में 32.5 प्रतिशत हो गई थी। लेकिन सबसे कम वृद्धि दर गंगानगर जिले में केवल 10 प्रतिशत ही रही थी।
2- राज्य की औसत जनसंख्या वृद्धि दर 21.3 प्रतिशत अनुसार कुल 15 जिलों में जनसंख्या में अधिक वृद्धि हुई थी। इसमें से यह जिले निम्नलिखति इस प्रकार हैं जयपुर, दौसा, डूॅंगरपुर, धौलपुर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, अलवर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, बाॅंसवाड़ा, जैसलमेर, जोधपुर व प्रतापगढ़ जिले हैं।
3- लेकिन राज्य की सबसे अधिक आबादी जयपुर जिले में रही थी। लेकिन सन् 2011 में 66.26 लाख थी। लेकिन राज्य की कुल जनसंख्या 9.67 प्रतिशत थी।
4- लेकिन आबादी की दृष्टि से जैसलमेर सबसे अंतिम स्थान पर रहा था।
नई जनसंख्या नीति (New Population Policy in Hindi) –
नई जनसंख्या नीति (New Population Policy in Hindi) – राजस्थान सरकार के द्वारा 20 जनवरी 2000 में राज्य के लिए नई जनसंख्या नीति की घोषणा की गई थी। लेकिन आन्ध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान जनसंख्या नीति की घोषणा करने वाला तीसरा राज्य था। इस जनसंख्या नीति के लिए चार मुख्य बिन्दु तय किये गये थे। जो इस प्रकार हैं। नई जनसंख्या नीति को लागू करने के लिए कई बातों पर जोर दिया गया जिसमें से महिला साक्षर,ता महिला सशक्तिकरण अन्य प्रकार की योजनाएं लागू की गई थी।
1- राज्य में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य का आधार मानकर सेवाएं प्रदान करने के लिए सर्वेक्षण करके पैकेज तैयार किया गया था।
2- राज्य में सेवा प्रणाली के प्रबन्ध में गुणात्मक सुधार करने पर बल दिया गया था।
3- छोटे परिवार की अवधारणा के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करना
4- राज्य में सेवाएं प्रदान करना तथा सामाजिक चेतना जागृत करने में पंचायती राज संस्थाओं, स्वैच्छिक संगठनों और निजी सहाकारी व अन्य संस्थाओं को भागीदार बनाना।
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