• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

NS MANTRA

Learn Something New

  • Home
  • Full Form
  • Hindi Grammar
  • Indian History
  • Rajasthan History
  • Spiritual
  • Technology

थारू जनजाति का सामाजिक जीवन और प्रमुख विशेषताएं (What is Tharu Tribe in Hindi?)

भारत में जनजातीय लोग पूरी आबादी का सत्रह प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। लगभग हर राज्य में कोई न कोई आदिवासी क़बीला या जनजाति ज़रूर ही मिल जाती है। इस पोस्ट में हम थारू जनजाति के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे तो पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

थारू जनजाति क्या है? (What is Tharu Tribe in Hindi?) :

थारू जनजाति के लोग नेपाल और भारत के कई इलाकों में स्वतंत्र रूप से पाए जाते हैं।

थारू जनजाति का मूल स्थान कौनसा है? (What is the place of Origin of Tharu tribe in Hindi?) :

थारू जनजाति के उद्गम के दो सिद्धांत प्रचलित हैं। एक मत के अनुसार वे लोग जिन्होंने बौद्ध धर्म के हीनयान (जिसे बाद में थेरवाद कहा गया) को मानना शुरू किया और स्थाविरवादी कहलाये।

दूसरे मत के अनुसार हल्दीघाटी के युद्ध के बाद महाराणा प्रताप के परिवार को संरक्षण देने के लिए महाराणा प्रताप ने इन आदिवासी लोगों को बचे खुचे सैनिकों और रक्षकों के साथ हिमालय की घाटियों के सहारे सहारे दूर चले जाने का आदेश दिया। ये काफिला घूमते घूमते मध्यप्रदेश के जंगलों में बस गया। इस जनजाति की महिलाओं ने अपने संरक्षण के लिए इन सैनिकों और अंगरक्षकों से विवाह सम्बन्ध स्थापित कर दिए।

थार रेगिस्तान के मूल निवासी होने के कारण इन लोगों को बाद में थारू कहा गया। मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में थारू जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में डाला गया है।

थारू जनजाति का मुख्य व्यवसाय क्या है? (What is the main Occupation of Tharu tribe in Hindi?) :

थारू जाती के लोग वनवासी होते हैं। इनमें से भी ज़्यादातर लोग कामकाजी हैं। इनका मुख्य व्यवसाय खेती है। थारू जनजाति के लोग खेती का ‘Slash And Burn’ तरीका अपनाते हैं। इसे भारत के सभी राज्यों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है लेकिन ‘झूम कृषि’ एक आम प्रचलित नाम है।

थारू प्रजाति के लोग गेहूं, चावल, मक्का, दालें और सरसों की फसलें उगाते हैं। यह लोग जंगलों में मिलने वाली चीज़ों जैसे फल, जड़ी बूटियां, लकड़ीयाँ आदि सामान इकट्ठा करते हैं। थारू जाति के कुछ लोग शिकारी भी होते हैं जो हिरण का शिकार करते हैं और मछली पकड़ने का काम भी करते हैं।

ये भी पढ़े –

थारू जनजाति का निवास स्थान (Tharu tribe Place in Hindi) :

  • अनुसूचित जनजाति का मतलब और सूची
  • भील जनजाति का सामाजिक जीवन और प्रमुख विशेषताएं

थारू जनजाति भारत में मुख्यतः मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों में पाई जाती है। नेपाल में इस जनजाति के लोग मुख्यता तराई क्षेत्रों में निवास करते हैं।

थारू जनजाति का धर्म, धार्मिक मान्यताएं और रीति रिवाज़ (Religion, Religious Beliefs of Tharu Tribe in Hindi) :

थारू प्रजाति के लोग बौद्ध धर्म के थेरवादी मत के अनुयाई माने जाते हैं। थारू प्रजाति के लोग पाली भाषा मे लिखे गए बौद्ध ग्रंथों को ही मौलिक ग्रंथ मानते हैं। ये थारू और इसके कई स्वरूपों वाली भाषा बोलते हैं जो हिंदी, अवधि, उर्दू और ‘इंडो-आर्यन’ उपसमूह की भाषाएं कहलाती हैं। ये महादेव की भी पूजा करते हैं और अपने सर्वोच्च भगवान को नारायण कहते हैं।

थेरवाद क्या है? (What is Theravada in Hindi?) :

थेरवादी बुद्ध के द्वारा बताए गए मौलिक सिद्धांतों को जस का तस पालन करने का दावा करते हैं। थेरवाद के अनुयाई प्राचीन बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को मानते हैं।
थेरवादी पाली भाषा मे लिखे गए बौद्ध ग्रंथों को ही मौलिक ग्रंथ मानते हैं।

थारू जनजाति के लोगों का रहन सहन (The living conditions of the people of Tharu tribe in Hindi) :

थारू जाति के लोग बहुत ही सादा जीवन जीते हैं। यह लोग अपने घर लकड़ी, घास और गोबर से बनाते हैं। इनके घर बहुत ही सुंदर तरीके से सजे हुए होते हैं। थारू प्रजाति के लोग संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते हैं।
ये लोग सौम्य और हंसमुख प्रकृति के होते हैं।

थारू जनजाति के त्योहार (Festivals of Tharu Tribe in Hindi) :

थारू जाति के लोगों के कुछ प्रमुख त्यौहार इस प्रकार हैं :

  • जितिया – थारू लोगों का सबसे प्रमुख त्यौहार जितिया कहलाता है।
  • जितिया त्यौहार के दस दिन बाद दसमि का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने ग्राम देवता की पूजा करते हैं, दिया जलाते हैं और अगरबत्ती करते हैं। इस दिन में यह लोग अपने देवताओं की मिट्टी की मूर्तियां बनाते हैं। थारू लोगों की मान्यता है कि दशमी के इन दस दिनों वाले त्यौहार में सभी दस दिशाओं की खिड़कीयाँ और दरवाजे खोल दिए जाते हैं
  • सुकरती – यह त्यौहार कुछ-कुछ हमारे दिवाली त्योहार की तरह ही है। लक्ष्मी पूजा के दिन घास और जूट से डांडिया बनाते हैं। जंगली घास और डंडियों से इसे पूरा किया जाता है।
  • सामा चकेवा – यह त्यौहार पति पत्नी और भाई बहन के रिश्ते को मज़बूत करने के लिए और इसका सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
  • फगुआ – हमारे होली के त्यौहार जैसा ही है।
  • जोरासी ताल – यह त्यौहार थारू नववर्ष के पहले दिन मनाया जाता है। इसमें घर के बुजुर्ग अपने से छोटे लोगों के सिर पर पानी डालते हैं और घर के छोटे बुजुर्गों के चरणों में पानी डालकर उनका सम्मान करते हैं।
  • चौथी चंद – यह त्योहार गणेश चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। लोग इस दिन पूरा दिन व्रत रखते हैं और शाम को चांद देखने के बाद भोजन करते हैं। इसमें घरेलू देवताओं को खीर और हलवा प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

थारू जनजाति की वेशभूषा (Tharu Tribe Costume in Hindi) :

  • घघरिया चोली – यह सामान्य घाघरा और चोली की तरह ही होता है। इसे ज्यादातर सूती कपड़े से सिलाई करके बनाया जाता है।
  • अरघना – यह सूती दुपट्टा होता है जिसे थारू महिलाएं गगरिया चोली के साथ पहनती हैं।
  • झूला – झूला एक ऊनी स्वेटर होता है जिसे औरतें अपने हाथ से बुनकर पहनती है।
  • अंगिया – यह सादे ब्लाउज की ही तरह का ब्लाउज होता है।
  • फुटाई – यह एक प्रकार की कोठी होती जी। इसे कुर्ती या ब्लाउज के ऊपर पहना जाता है।
  • काली ओढ़नी – यह एक चमकीली ओढ़नी होती है जिसे महिलाएं विशेष अवसरों पर पहनती हैं।
  • धोती कुर्ता – पुरुषों का एक परिधान जिसे सलीन या सूती कपड़े से बनाया जाता है।
  • झगिया – यह सफेद रंग के चमकीले कपड़े से बनाया जाता है जो दिखने में शेरवानी की तरह ही लगता है।
  • टोपी – यह सूती कपड़े से बनाई गई गोल और सफेद होती है।
  • बनियान – हाथ से बुनकर बनाया गया स्वेटर बनियान कहलाता है।

थारू जनजाति के आभूषण (Tharu Tribe Jewelery in Hindi) :

थारू जनजाति के पारंपरिक आभूषण चांदी से ही बनाए जाते हैं। चांदी के अलावा तांबा, पीतल और कांसे के भी आभूषण बनाए जाते हैं। बदलते वक्त के साथ थारू महिलाओं ने भी सोने के गहने पहनना शुरू कर दिया है।
थारू प्रजाति की महिलाओं के द्वारा पहने जाने वाले कुछ प्रमुख आभूषण इस प्रकार हैं :

खडुआ और वांकड़ा – यह दिखने में एक जैसे ही होते हैं। इन्हें चांदी से बनाया जाता है और आकार में यह गोल होते हैं। खडुआ पैरों में पायल की तरह पहना जाता है और वांकड़ा हाथ में पहना जाने वाला कंगन होता है।

हसुलिया – हसुलीया गले में पहना जाने वाला चांदी का आभूषण होता है। यह गोल और मोटा होता है और इस पर बहुत ही सुंदर और आकर्षक डिज़ाइन की जाती है।

नथुनिया और लौगी – नथुनिया और लौगी नाक में पहने जाने वाले आभूषण है।

बाली – यह काम में पहना जाता है और अधिकांशतः सोने से बनाया जाता है।

साकर – साकर गले में पहने जाने वाला आभूषण है। इसकी बनावट सोने की चेन की तरह दिखाई देती है। इसे पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते हैं।

पहुंची – यह हाथ में पहना जाने वाला आभूषण है। इसमें सोने और चांदी के गोल दानों को लाल या काले रंग के मखमल के कपड़े पर हाथ से सील क
कर बनाया जाता था।

कमर पेटी – चांदी से बनता है जिसे कमर में पहना जाता है। यह महिलाओं का आभूषण है।

कठुला – यह गले में पहने जाने वाला आभूषण है जो सिर्फ चांदी में ही बनता है। इसमें चांदी की एक चेन में छोटे छोटे गोल सिक्कों की तरह दिखने वाली डिज़ाइन के तौर पर लगाए जाते हैं।

थारू प्रजाति के पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले आभूषणों में साकर जिसे गले में पहना जाता है, कलफूली और धूलिया जिसे कानों में पहना जाना जाता है और हाथ में पहनी जाने वाली अंगूठियों को छल्ला कहा जाता है।

Filed Under: Geography Tagged With: Janjatiya

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Latest Posts

भूकंप किसे कहते है? (What is an Earthquake in Hindi?)

हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay in Hindi)

परोपकार पर निबंध (Essay on Paropkar in Hindi)

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध (Meri Priya Pustak Essay in Hindi)

वृक्षारोपण पर निबंध (Vriksharopan Essay in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

Essay On Peacock In Hindi – मोर पर निबंध

ताजमहल पर निबंध (Tajmahl Essay in Hindi)

होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध (Online Shiksha ka Mahatva in Hindi)

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in Hindi)

राजस्थान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (When and Why is Rajasthan Diwas Celebrated in Hindi)?

मेरे प्रिय नेता नरेंद्र मोदी पर निबंध (Essay on Narendra Modi in Hindi)

डायरी लेखन क्या है? डायरी कैसे लिखे? (Diary Lekhan in Hindi)

अनुच्छेद लेखन क्या है? अनुच्छेद लेखन कैसे लिखे? (Anuched Lekhan in Hindi)

Categories

  • Culture
  • Forts
  • Full Form
  • Geography
  • Hindi Grammar
  • Indian History
  • Polity
  • Rajasthan History
  • Rajasthan State
  • Review
  • Science
  • Spiritual
  • Technology
  • TUTORIAL
  • Uncategorized
  • Vadya Yantra

Footer

Pages

ABOUT US

CONTACT US

PRIVICY POLICIY

DISCLAIMER 

TERM & CONDITIONS

Copyright © 2022 · Magazine Pro on Genesis Framework · WordPress · Log in