मनोविज्ञान क्या हैं? (What is Psychology in Hindi) – मनोविज्ञान को अंग्रेजी में साइकोलाॅजी कहते हैं। साइकोलाॅजी शब्द की उत्पत्ति “ग्रीक भाषा” या “यूनानी भाषा” से हुई थी। साइकोलाॅजी शब्द दो शब्द से मिलकर बना हैं। जिसमें “साइकी” तथा “लोगस” शब्द को मिलाकर साइकोलाॅजी शब्द को बनाया गया हैं। “साइकी” शब्द का अर्थ आत्मा हैं तथा “लोगस” शब्द का अर्थ अध्ययन या ज्ञान से हैं। अतः अंग्रेजी शब्द “साइकोलाॅजी” का अर्थ आत्मा का अध्ययन होता हैं।
मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिसमें मनुष्य के मानसिक गतिविधियों को अध्ययन किया जाता हैं। इसमें प्राणी अध्ययन और जीव जन्तु अध्ययन दोनों शामिल होते हैं। मनोविज्ञान अध्ययन की वह शाखा है जिसमें मन का अध्ययन किया जाता हैं। उसे मनोविज्ञान कहा जाता हैं। इसमें में मनुष्य के ज्ञान से संबंधित विषय के बारे में अध्ययन किया जाता हैं। यह एक ऐसा विषय है जिसमें मनुष्य के जीवन के प्रत्येक पहलू को वास्तविक रूप से अध्ययन करवाता है। इस पोस्ट के माध्यम से मनोविज्ञान क्या हैं? मनोविज्ञान की परिभाषाएं और साइकोलाॅजी के बारे में बहुत महत्वपूर्ण तथ्य आपके साथ साझा करेगे।
मनोविज्ञान क्या हैं? (What is Psychology in Hindi?) :
मनोविज्ञान क्या हैं? – मनोविज्ञान का अर्थ आत्मा का अध्ययन करने से हैं। इसमें प्राणियों के व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियों का अध्ययन किया जाता हैं। इसमें प्राणियों के मन का बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती हैं। वैज्ञानिको के द्वारा मनोविज्ञान के बारे में अलग अलग राय प्रदान की हैं। लाॅक और बर्कली ने मनोविज्ञान को मन का विज्ञान माना हैं। लेकिन मन का विज्ञान परिभाषा को अमान्य माना गया था।
मनोविज्ञान की परिभाषाएं क्या हैं? (What are the Definition of Psychology in Hindi) :
मनोविज्ञान की परिभाषाएं सभी वैज्ञानिकों के द्वारा अलग अलग अध्ययन के आधार पर दी गई हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार हैं।
क्रो व क्रो के अनुसार मनोविज्ञान की परिभाषा – “मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव संबंधों का अध्ययन हैं।”
माॅर्गन के अनुसार परिभाषा – “साइकोलाॅजी मानव एवं पशु व्यवहार का विज्ञान हैं”
वाटसन के अनुसार परिभाषा – “मनोविज्ञान व्यवहार का धनात्मक विज्ञान हैं।”
जिंबार्डो के अनुसार परिभाषा – “मनोविज्ञान जीवधारियों के व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन हैं।”
मैक्डूगल के अनुसार परिभाषा – “मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान हैं।”
बोरिंग के अनुसार परिभाषा – “मनोविज्ञान मानव प्रकृत्ति का अध्ययन हैं”
मनोविज्ञान का जनक किसे माना जाता हैं? (Who is Considered the Father of Psychology in Hindi) :
सबसे पहले मनोविज्ञान के अध्ययन का प्रारंभ अरस्तु के समय दर्शनशास्त्र की एक शाखा के माध्यम से अनेक शताब्दीयों पूर्व में हुआ था। लेकिन मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र के अलग करने का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक विलियम जेम्स के दिया जाता हैं। इसलिए मनोविज्ञान का जनक विलियम जेम्स को कहा जाता हैं। विलियम जेम्स ने सन् 1890 में मनोविज्ञान के बारे में “प्रिसिपल आफ साइकोलाॅजी” नामक पुस्तक लिखी और इस पुस्तक को मनोविज्ञान की आधारशीला माना गया था।
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मनोविज्ञान का क्रमबद्ध विकास को कितने भागो में वर्णन किया गया हैं? (The Systematic development of Psychology has been described in how many parts in Hindi) :
मनोविज्ञान का क्रमबद्ध विकास को चार भागों में वर्णन किया गया हैं।
1- आत्मा का विज्ञान (Science of Soul)
2- मन का विज्ञान (Science of Mind)
3- चेतना का विज्ञान (Science of Consciousness )
4- व्यवहार व अनुभूति का विज्ञान (Science of Behavior & Experience)
आत्मा का विज्ञान (Science of Soul ) :
प्लेटो अरस्तु डेकार्टे आदि वैज्ञानिकों के द्वारा यूनानी दार्शनिकों ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान कहा गया था। इन वैज्ञानिकों की परिभाषा 16वीं शताब्दी तक बहुत प्रचलित रही। लेकिन इन वैज्ञानिकों के द्वारा इन परिभाषाओं में रंग रूप व आकार और उसकी स्थिति के अध्ययन करने की विधियों को स्पष्ट करने में असफल रही थी। लेकिन इन वैज्ञानिकों के द्वारा दी गई परिभाषा अमान्य हो गई थी।
मन का विज्ञान (Science of Mind ) :
मध्ययुग में मनोविज्ञान यानि 17वीं शताब्दी में वैज्ञानिकों के द्वारा मन का विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया था। लेकिन यह इटली के मनोवैज्ञानिक के द्वारा पाॅम्पोनाजी तथा थाॅमसरीड का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा हैं। लेकिन मन के अर्थ में यह परिभाषाओं में बहुत कठिनाई हुई थी। लेकिन मन का विज्ञान की परिभाषा भी अमान्य रही थी।
चेतना का विज्ञान (Science of Consciousness) :
19वीं शताब्दी में मनोवैज्ञानिको के द्वारा मन या मस्तिष्क के जगह चेतना का विज्ञान के रूप में व्यक्त किया गया हैं। इन परिभाषा में फ्रायड का नाम मुख्य रूप से लिया जाता हैं। कई वैज्ञानिकों के द्वारा चेतना का विज्ञान के रूप में स्वीकार किया गया था। लेकिन कई वैज्ञानिकों के द्वारा चेतन शब्द के अर्थ और स्वरूप के संबंध में एक मत नही हो पाये थें। और यह परिभाषा भी अमान्य रही थी।
व्यवहार व अनुभूति का विज्ञान (Science of Behavior & Experience ) :
लेकिन 20वीं शताब्दी में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा गया था। लेकिन कई वैज्ञानिकों के द्वारा वाटसन वुडवर्थ स्किनर आदि के द्वारा मनोविज्ञान को व्यवहार के रूप में स्वीकार किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में मनोविज्ञान की इस परिभाषा को एक ही सर्वमान्य परिभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था।
मनोविज्ञान की शाखाएं कितनी होती हैं? (How many are Branches of Psychology in Hindi) :
मनोविज्ञान की शाखाएं की कुल 21 शाखाएं हैं –
1- विकासात्मक विज्ञान
2- सैन्य मनोविज्ञान
3- व्यक्तित्व मनोविज्ञान
4- संज्ञानात्मक मनोवैज्ञानिक
5- दैहिक मनोवैज्ञानिक
6- परामर्श मनोवैज्ञानिक
7- नैदानिक मनोवैज्ञानिक
8- समाज मनोवैज्ञानिक
9- औद्योगिक मनोवैज्ञानिक
10- प्रौढ़ मनोवैज्ञानिक
11- किशोर मनोवैज्ञानिक
12- बाल मनोवैज्ञानिक
13- पशु मनोवैज्ञानिक
14- मानव मनोवैज्ञानिक
15- असामान्य मनोविज्ञान
16- सामान्य मनोविज्ञान
17- अतीन्द्रिय मनोविज्ञान
18- मनोमितिकी मनोविज्ञान
19- शिक्षा मनोविज्ञान
20- व्यक्तिगत मनोविज्ञान
21- प्रयोगात्मक मनोवैज्ञानिक
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