कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं? कोशिका झिल्ली पादप कोशिका और जंतु कोशिका में पायी जाती हैं। कोशिका झिल्ली के द्वारा सभी सजीव कोशिकओं के जीव द्रव्य को घेर कर रखती हैं। तथा कोशिका झिल्ली का निर्माण तीन परतों से मिलकर होता हैं कोशिका झिल्ली के बाहरी तरफ और भीतरी तरफ प्रोटीन से बनी होती हैं। तथा कोशिक झिल्ली की मध्य परत का निर्माण लिपिड और वसा से बनी होती हैं।
इन परतों के तत्वों के कारण कोशिका झिल्ली का निर्माण होता है। और कोशिका झिल्ली के द्वारा जीव द्रव्य की रक्षा की जाती हैं। कोशिका झिल्ली का प्रमुख कार्य यह है कि कोशिका के भीतर से बाहर जाने वाले पदार्थो को चयन करती हैं।
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं? (What is Koshika Jhilli in Hindi) :
What is Koshika Jhilli in Hindi – कोशिका का अर्थ यह है कि यह एक अर्ध पारगम्य सजीव झिल्ली हैं। प्रत्येक कोशिका की एक सीमा होती हैं। कोशिका झिल्ली को प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं। और कोशिका झिल्ली पादप कोशिका भित्ति के बाहरी तरफ पायी जाती है। कोशिका झिल्ली कोशिका को घेर कर रखती हैं। कोशिका झिल्ली में फाॅस्फोलिपिड पाये जाते हैं।
कोशिका झिल्ली की विशेषताएं क्या हैं? (What is the Characteristics of Koshika Jhilli in Hindi) :
कोशिका झिल्ली की विशेषताएं निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- कोशिका में सभी अवयव एक पतली झिल्ली से घिरी होती हैं।
2- कोशिका झिल्ली एक अर्ध पारागम्य झिल्ली से बनी होती हैं।
3- कोशिका झिल्ली लिपिड और वसा, प्रोटीन से बनी होती हैं।
5- कोशिका झिल्ली में कार्बोहाइड्रेड भी पायी जाती हैं।
6- कोशिका झिल्ली के द्वारा विभिन्न पदार्थो का नियंत्रण किया जाता हैं।
कोशिका झिल्ली की परिभाषा क्या हैं? (What is the Definition of Koshika Jhilli in Hindi) :
कोशिका झिल्ली की परिभाषा वह झिल्ली हैं जिसमें बाहर से अन्दर और अन्दर से बाहर के पदार्थो को नियंत्रण करने का कार्य करती हैं उसे कोशिका झिल्ली कहते हैं। पादप कोशिका में कोशिका भित्ति और कोशिका झिल्ली दोनों मिलकर कोशिका आवरण का निर्माण करती हैं। कोशिका झिल्ली का निर्माण तीन परतों से मिलकर बनी होती हैं।
कोशिका झिल्ली के कार्य क्या हैं? (What is the function of Koshika Jhilli in Hindi) :
कोशिका झिल्ली के कार्य निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- कोशिका के द्वारा निश्चित आकृति और आकार प्रदान करती हैं।
2- कोशिका झिल्ली के द्वारा कोशिकांग को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
3- कोशिका झिल्ली के द्वारा ईआर का निर्माण करती हैं।
4- कोशिका झिल्ली के द्वारा पदार्थो का आवागमन में सहायता प्रदान करती हैं।
5- कोशिका झिल्ली के पदार्थो का अन्दर ग्रहण का कार्य को एडोमाइटोसिस कहते हैं।
6- कोशिका झिल्ली के पदार्थो को बाहर निकालती हैं उसे एक्सोसाइटोसिस कहते हैं।
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कोशिका झिल्ली का आविष्कार किसने किया? (Who invented the Koshika Jhilli in Hindi) :
कोशिका की खोज राॅबर्ट हुक ने सन् 1665 में किये गये हैं। कोशिका झिल्ली को सी क्रेमर और नेगेली ने सन् 1855 में कोशिका कला कहा गयी हैं। कोशिका सभी संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई हैं। 19वीं शताब्दी के अंत में कोशिका झिल्ली अस्तित्व में आई हैं।
कोशिका झिल्ली की संरचना क्या हैं? (What is the Structure of the Koshika Jhilli in Hindi) :
कोशिका झिल्ली की संरचना निम्नलिखित इस प्रकार हैं –
1- लिपिड (Lipids) – कोशिका झिल्ली की परत लिपिड से बनी होती हैं। मेम्ब्रेन लिपिड प्रकृति में एम्फीपैथिक होती हैं। लिपिड हाइड्रोफिलिक ध्रुवीय सिर और हाइड्रोफोबिक गैर-ध्रुवीय फैटी एसिड पूंछ से बने होते हैं। कोशिका झिल्ली में मुख्य रूप से तीन प्रकार की लिपिड होते हैं। जो इस प्रकार हैं
(a) फॉस्फोलिपिड्स – फॉस्फोलिपिड अणु एक सहसंयोजक बंधन से जुड़े फॉस्फेट समूह के साथ एम्फीपैथिक लिपिड होते हैं। वे कोशिका झिल्ली में मौजूद लिपिड के सबसे प्रचुर मात्रा में होती हैं जो अक्सर कुल लिपिड का 50 प्रतिशत से अधिक बनाते हैं। वे कोशिका के साइटोसोल के संपर्क में और बाह्य वातावरण के साथ हाइड्रोफिलिक सिरों के साथ दो परतों में व्यवस्थित होते हैं। दोनों परतों के हाइड्रोफोबिक सिरे कोशिका झिल्ली का मूल बनाते हैं। कुछ लिपिड उदाहरण ग्लिसरोफॉस्फोलिपिड्स (प्रमुख घटक) और स्फिंगोफॉस्फोलिपिड्स मामूली हैं। इसलिएए जब पूछा गया कि फॉस्फोलिपिड क्या हैए तो हम बता सकते हैं कि यह कोशिका झिल्ली में पाया जाने वाला एक प्रमुख प्रकार का लिपिड है।
(b) ग्लाइकोलिपिड्स – यह इस प्रकार के लिपिड होते हैं जिनमें ग्लाइकोसिडिक बंधन से जुड़े कार्बोहाइड्रेट होते हैं। वे छोटी मात्रा में मौजूद होते हैं और कोशिका झिल्ली के कुल लिपिड का केवल 2 प्रतिशत ही बनाते हैं। हालांकिए वे Koshika Jhilli की स्थिरता बनाए रखने और सेलुलर पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि मनुष्यों में विभिन्न रक्त समूह आरबीसी की झिल्ली पर ग्लाइकोलिपिड्स के ओलिगोसेकेराइड समूह द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। कुछ सामान्य ग्लाइकोलिपिड ग्लोबोसाइड, सेरेब्रोसाइड, गैंग्लियोसाइड आदि हैं।
(c) स्टेरोल्स – सभी शेष बचे हुए लिपिड स्टेरोल्स होते हैं। पौधों की Koshika Jhilli में आमतौर पर स्टेरोल होते हैं और जानवरों की झिल्ली में कोलेस्ट्रॉल होता है। वे दोनों अलग-अलग तापमान पर झिल्ली की तरलता को विनियमित करने के समान उद्देश्य को पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए, ठंडे खून वाले जानवरों में कोशिका झिल्ली में कोलेस्ट्रॉल की अधिकतम मात्रा होती है जो एंटीफीज एजेंट के रूप में कार्य करती है। हालांकिए उच्च तापमान परए कोलेस्ट्रॉल फैटी एसिड श्रृंखलाओं की गति को कम करता है, और इसलिए,Koshika Jhilli की तरलता और कम पारगम्यता को कम करता है। पौधों मेंए समान भूमिका स्टेरोल द्वारा निभाई जाती है।
कोशिका झिल्ली किससे बनी होती हैं? (What is made of Koshika Jhilli in Hindi) :
Koshika Jhilli लिपिड और प्रोटीन की बनी होती हैं। कोशिका झिल्ली प्रत्येक सजीव कोशिका के जीव द्रव्य से घिरी होती है। कोशिका झिल्ली में दो प्रकार के प्रोटीन पाये जाते हैं
1- संरचनात्मक प्रोटीन
2- वाहक प्रोटीन
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