विष्णु के दस प्रमुख अवतार की कहानी – हम सब को पता है कि त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु को इस पृथ्वी लोक का पालनकर्ता कहा जाता है। भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर विराजमान है और माता भगवती लक्ष्मी इनकी अर्धांगिनी हैं। इनकी पूजा करने से मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की कमी नहीं होती है। इस प्रकार भगवान श्री हरि विष्णु का स्मरण अत्यंत फलदायी है और सारी मनोकनाओं को पूरा करने वाला है।
जैसा कि हमने अपनी पिछली पोस्ट में बताया कि सदाशिव ब्रह्म ने सृष्टि की रचना के लिए अपने तीन पुत्रों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निर्माण कर उन तीनों को उनके अलग-अलग काम सौंपे थे।
इस प्रकार भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनकर्ता माना जाता है। इसलिए हमारे पुराणों और धर्म शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि सृष्टि का विधिवत रूप से पालन पोषण करने के लिए हर युग में भगवान श्री हरि विष्णु एक अवतार लेकर इस पृथ्वी लोक पर अवश्य अवतरित होते हैं। लेकिन वैसे तो हमारे हिंदू धर्म शास्त्रों और पुराणों में भगवान विष्णु के कुल चौबीस प्रमुख अवतारों का वर्णन मिलता है।
ये चौबीस अवतार वो अवतार हैं जो इस पृथ्वी लोक पर अब तक जन्म ले चुके हैं लेकिन उनमें से भी सबसे प्रमुख जो दस अवतार हैं जिनको हम भगवान विष्णु के ‘दशावतार’ के नाम से ज़्यादा जानते हैं। भगवान विष्णु के यह दशावतार इस प्रकार हैं –
विष्णु के दस प्रमुख अवतार की कहानी (The Story of the Ten Major Incarnations of Vishnu in Hindi) :
- प्रथम अवतार – मत्स्य अवतार
- द्वितीय अवतार – कूर्मावतार
- तृतीय अवतार – वराह अवतार
- चतुर्थ अवतार – नृसिंह अवतार
- पंचम अवतार – वामनावतार
- षष्ठम अवतार – परशुराम अवतार
- सप्तम अवतार – रामावतार
- अष्टम अवतार – कृष्णावतार
- नवम अवतार – बुद्धावतार
- दशम अवतार – कल्कि अवतार।
आइये अब हमविष्णु भगवान के दस प्रमुख अवतार की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मत्स्य अवतार की कहानी (The Story of the Fish Incarnation in Hindi) :
भगवान श्री हरि विष्णु के पहले प्रमुख अवतार को मत्स्य अवतार कहा जाता है। भगवान विष्णु ने मत्स्य अर्थात मछली के रूप में अवतार हयग्रीव नामक निर्दयी असुर का वध करने के लिए लिया था।
कूर्म अवतार की कहानी (The Story of Kurma Avatar in Hindi) :
भगवान श्री हरि विष्णु के दूसरे प्रमुख अवतार को कुर्मावतार कहा जाता है। कूर्म यानी कछुआ। भगवान विष्णु ने कूर्मावतार समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को समुद्र के पानी में डूबने से बचाने के लिए यह अवतार लेकर समुद्र मंथन को सम्पन्न करवाने में किया था।
वराह अवतार की कथा (The Story of Varaha Avatar in Hindi) :
भगवान विष्णु के तीसरे प्रमुख अवतार को वराह अवतार कहा जाता है। पृथ्वी को समुद्र में डूबने से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने वराह का रूप लेकर पृथ्वी को बचाया था। भगवान विष्णु के इस वराह अवतार की कहानी के बारे में अधिक जानने के लिए हमारी इस पोस्ट पर क्लिक करें।
नरसिंह अवतार की कहानी (The story of Narasimha Avatar in Hindi) :
भगवान विष्णु के चौथे प्रमुख अवतार को नरसिंह या नृसिंह अवतार भी कहा जाता है, जिन्होंने निर्दयी हिरण्यकश्यप का वध करने और अपने भक्त प्रह्लाद को उसकी भक्ति के लिए वरदान देने के नृसिंह अवतार लिया था।
वामन अवतार की कथा (The Story of the Dwarf Incarnation in Hindi) :
भगवान श्री हरि विष्णु के पांचवे प्रमुख अवतार को वामन अवतार कहा जाता है। राजा बलि को सबक सिखाने और उसके अहंकार का नाश करने के लिए उन्होंने अपने इस अवतार को पृथ्वी लोक पर भेजा था जिसने इस पूरी पृथ्वी को सिर्फ तीन पग में ही नाप लिया था।
परशुराम अवतार की कहानी (The Story of Parashuram Incarnation in Hindi) :
भगवान विष्णु के छठे प्रमुख अवतार को परशुराम अवतार कहा जाता है। अपने धर्म से भ्रष्ट हो चुके क्षत्रियों के अहंकार का नाश करने और उनको सही राह पर लाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने इस परशुराम अवतार को पृथ्वी लोक पर भेजा था।
राम अवतार की कहानी (The Story of Rama incarnation in Hindi) :
भगवान श्री हरि विष्णु के सातवें प्रमुख अवतार को रामावतार कहा जाता है। यह अवतार उनके सबसे प्रचलित अवतारों में से एक है। प्रभु श्री राम का जन्म लंकापति रावण के मद को तोड़ने और उसे सबक सिखाने के लिए अयोध्या में इक्ष्वाकु वंश के राजा दशरथ के घर हुआ था।
कृष्ण अवतार की कथा (The story of Krishna incarnation in Hindi) :
भगवान विष्णु के आंठवें प्रमुख अवतार को कृष्ण अवतार कहा जाता है। यह अवतार भगवान विष्णु के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध अवतारों में से एक है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म अपने अत्याचारी और निर्दयी मामा कंस और उस समय के सभी प्रमुख असुरों का वध करने के लिए हुआ था। भगवान कृष्ण को उनके कौरवों और पांडवों के बीच हुए युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए गए उपदेशों, जिन्हें बाद में श्रीमद्भागवत गीता में संकलित किया गया, के लिए जाना जाता है।
भगवान बुद्ध की कहानी (The story of Lord Buddha in Hindi) :
भगवान विष्णु के नवें प्रमुख अवतार को भगवान बुद्ध के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म दैत्यों का विनाश कर स्वर्ग पर फिर से देवताओं का आधिपत्य स्थापित करने के लिए हुआ था।
कल्कि अवतार की कथा (The story of Kalki Avatar in Hindi) :
भगवान विष्णु के अंतिम और प्रमुख अवतार को कल्कि अवतार कहा जाता है। कल्कि अवतार का जन्म कलयुग के अंतिम समय में इस पृथ्वी से अधर्म और पाप का विनाश करने के लिए एक ब्राह्मण के घर होगा ऐसा माना जाता है। कल्कि अवतार के लिए ऐसा माना जाता है कि यह अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल के बीच में अवतरित होगा। अपने घोड़े पर सवार कल्कि इस पृथ्वी से पाप का नाश करके सतयुग की स्थापना करेगा।
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