वसंत ऋतु पर निबंध- अगर किसी से पूछा जाए कि आपका पसंदीदा मौसम कौन सा है? तो हर कोई अपनी अपनी राय से बताएगा, उनका सबसे पसंदीदा मौसम कौन सा है। हमारे भारत में मौसमों को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा है – बारिश का मौसम, सर्दी का मौसम और गर्मी का मौसम।
सर्दी के मौसम में हर कोई बस एक कोने में सिकुड़ जाना चाहता है, जैसे ज्यादा दिन ढलता है, सर्दी बढ़ जाती है इसलिए ना सिर्फ इंसान बल्कि पशु पक्षी भी अपने-अपने घरौंदा में जाकर दुबक जाते हैं। हमें असहाय बना देने वाला सर्दी का मौसम जनवरी के अंत तक धीरे धीरे कम होना शुरू हो जाता है।
यहीं से शुरू होता है मौसम का बदलाव। हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू साल का अंतिम महीना यानी फाल्गुन के अंत में वसंत ऋतु का आगमन हो जाता है। जो चैत्र महीने की शुरुआत तक चलता है हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र महीना हमारे हिंदू वर्ष का पहला महीना होता है और इसे हम हिंदू नववर्ष की तरह ही मनाते हैं।
वसंत ऋतु की इन्हीं खासियतओ की वजह से आज इस पोस्ट में हम आपके लिए वसंत ऋतु पर निबंध लेकर आए हैं, हमें आशा है कि यह वसंत ऋतु पर निबंध पढ़ने के बाद आप भी वसंत ऋतु पर निबंध लिख पाने में समर्थ हो सकेंगे।
वसंत ऋतु पर निबंध की प्रस्तावना (Spring Season Essay in Hindi) :
वसंत ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा जाता है। वसंत ऋतु सभी को अच्छी लगती है, वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी माता सरस्वती को पूजने की परंपरा भारत में आदि काल से चली आ रही है। इस दिन विद्यार्थी अपनी नई कॉपियों किताबों की पूजा करते हैं।
व्यापारी अपनी बहियों की पूजा करते हैं और विद्या की देवी सरस्वती और धन की देवी माता लक्ष्मी से विद्यार्जन में व्यापार में और अपने काम में उन्नति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन विशेष तौर पर पीले वस्त्र पहनने का रिवाज भारत में है, क्योंकि पीला रंग प्रसन्नता उन्नति उल्लास नई शुरुआत और सकारात्मकता प्रदान करने वाला होता है। इस तरह वसंत ऋतु ना सिर्फ मौसम का बल्कि धरती के रूप का बदलाव भी अपने साथ लाती है
वसंत ऋतु का आगमन (The Arrival of Spring Season in Hindi) :
भारतीय पंचांग के अनुसार हिन्दू वर्ष का पहला महीना चैत्र होता है और फाल्गुन अंतिम मास होता है। पुराने साल की विदाई और नए साल के आगमन का संकेत है वसंत ऋतु। वसंत ऋतु फाल्गुन महीने के अंत में और चैत्र महीने के शुरुआती समय में आती है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 महीनों यानी फरवरी-मार्च और अप्रैल के दौरान आती है।
कंपकंपाती सर्दी से निजात मिलने और मौसम में हल्की हल्की गर्मी बढ़ने का संकेत होती है। वसंत ऋतु फाल्गुन मास की पंचमी से वसंत ऋतु के आगमन का प्रारंभ माना जाता है। इस दौरान प्रकृति में कई बड़े बदलाव होते हैं वसंत ऋतु में पेड़ों पर नए पत्ते उगना शुरू हो जाते हैं।
फूलों की क्यारियों में कलियां लगना शुरू हो जाती है और कवियों द्वारा ऐसा कहा जाता है कि प्रकृति ने हरी चुनर ओढ़ ली हो। इस प्रकार वसंत ऋतु शुभागमन वाली और मन को प्रसन्नता देने वाली होती है।
वसंत ऋतु की आवश्यकता (Need for Spring Season in Hindi) :
वसंत ऋतु की आवश्यकता इसी बात से लगाई जा सकती है कि पतझड़ के मौसम में जब पत्ते झड़ जाते हैं तो पेड़ सूखे हो जाते हैं। इस मौसम में फूल नहीं खिलते और प्रकृति रंगहीन हो जाती है। धरती पर हरियाली नहीं दिखती है, और माहौल बहुत सुना – सुना सा हो जाता है। सर्दी के मौसम की हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोग परेशान हो जाते हैं और यह प्रार्थना करते हैं कि यह सर्दिया कब खत्म होंगी? लोगों कि ये प्रतीक्षा तब रंग लाती है, जब मौसम में सर्दी कम हो जाती है और धूप भी हल्की गुनगुने और सुहानी लग जाती है।
पेड़ों पर नए कोंपले आ जाती हैं और फूल खेलना शुरू होते हैं। सब जगह कोयल की आवाज सुनी जा सकती है मधुमक्खियों का तितलियों का पेड़ पौधों के आसपास मंडराना एक आम दृश्य हो जाता है। किसानो के लिए भी वसंत ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि वसंत ऋतु के आगमन से ही फसलों के पकने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसलिए वसंत ऋतु सभी के लिए बहुत आवश्यक है।
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वसंत ऋतु की विशेषता (Characteristic of Spring Season in Hindi) :
बसंत ऋतु की शुरुआत से ही प्रकृति में बदलाव स्पष्ट रूप से नजर आ जाता है। पतझड़ के मौसम में पत्तों के झड़ने की वजह से खाली हो चुके पेड़ों पर नए पत्ते आना शुरू हो जाते हैं। प्रकृति हरि चुनर ओढ़ लेती है और सब जगह हरियाली छा जाती है। वसंत ऋतु के आने पर लोग शौक से पीले वस्त्र पहनना पसंद करते हैं और बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं।
सेठ साहूकार लोग अपने-अपने व्यवसायों के लिए नई बहियाँ खरीद कर लाते हैं और उनकी पूजा करते हैं और इस प्रकार वसंत पंचमी के दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती और धन की देवी लक्ष्मी दोनों का एक साथ पूजन अर्चन करते हैं। वसंत ऋतु लोगों के मन में हंसी और खुशी भर देती है जिस प्रकार धरती हरी भरी होकर अपने प्रसन्नता को नए पत्तों ने फूलों की कलियों से व्यक्त करती है, उसी प्रकार लोग पीले वस्त्र धारण करके अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हैं और प्रकृति देवी का धन्यवाद करते हैं।
वसंत ऋतु पर निबंध का उपसंहार (Spring Season Essay in Hindi) :
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वसंत ऋतु वास्तव में ही ऋतुओं की रानी कही जाती है। वसंत ऋतु अपने साथ नई ऊर्जा, उमंग और स्फूर्ति लाती है। वसंत ऋतु के शुरू होने के बाद सर्दी के मौसम में कमी आ जाती है, जिससे लोग हल्की गुनगुनी धूप का आनंद लेना शुरू कर देते हैं।
वसुदेव के आगमन के बाद नए फूल और इन पर मन डराने वाली मधुमक्खियों देती है, ऐसे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। वसंत ऋतु का आगमन वातावरण में सकारात्मकता भर देता है, भारतीय समाज में लोग वसंत ऋतु का आगमन बेसब्री से करते हैं और खुशियां मनाते हैं इस प्रकार वसंत ऋतु सभी की प्यारी ऋतु है।
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