RTI Full Form in Hindi | हमें से कई लोग अक्सर इस बारे में सोचते हैं कि बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिनके बारे में भारत के नागरिकों को या आम लोगों को पता नहीं होता है। ऐसी कई सारी चीज़ें हैं जैसे कोई कानून या लोगों के अधिकार, संवैधानिक हक़ जो भारत के नागरिकों को मिलते हैं या और भी कई चीजें। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब हमें किसी चीज की जानकारी नहीं होती है और अगर वह जानकारी भारत और भारत सरकार से संबंधित है या भारत के किसी भी क्षेत्र, राज्य, समुदाय, संस्कृति, सरकार के कानून आदि तो हमें हमारे सवालों का जवाब कैसे मिले?
तो आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत सरकार ने भारत के नागरिकों को यह हक दिया है कि अगर वह सरकार से किसी भी तरह की जानकारी मांगते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ से वह जानकारी दिलवाई जाएगी। तो आज हम इस पोस्ट में इसी बात की चर्चा करेंगे की आरटीआई क्या है? आरटीआई का फुल फॉर्म (RTI Full Form in Hindi) क्या होता है?, आरटीआई के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें? हमें आशा है यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक साबित होगी। तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढें।
आरटीआई क्या है? | What is RTI in Hindi?
RTI का अधिकार भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति और जानने के अधिकार के तहत दिया गया एक विशिष्ट तरह का अधिकार है। इस अधिकार का इस्तेमाल करके भारत के नागरिकों को इस जानने के अधिकार के तहत भारत के किसी भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार से या अपने इलाके के किसी भी सरकारी दफ्तर या सरकारी विभाग से जुड़ी हुई जानकारी मांगने का हक है।
RTI Full Form in Hindi | आरटीआई का फुल फॉर्म क्या है? | What is the Full Form of RTI in Hindi
RTI Full Form in Hindi | आरटीआई का फुल फॉर्म Right to Information होता है जिसे हिंदी में सूचना का अधिकार भी कहा जाता है। इस अधिकार के तहत भारत के नागरिकों को क्षेत्रीय सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार से जुड़ी हुई किसी भी सरकारी जानकारी को जानने और हासिल करने का अधिकार दिया गया है और जब कोई भी जानकारी RTI के अधिकार के तहत मांगी जाती है तो सरकार का यह परम कर्तव्य बन जाता है।
इसकी जानकारी मांगने वाले को सही और सटीक सूचना प्रदान की जाए। और मांगने वाले तक यह जानकारी पहुंचाने के लिए हर सरकारी कार्यालय और दफ्तर में एक सूचना अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है जिसे मांगी गई सूचना को तीस दिनों के भीतर भीतर पहुंचाना निश्चित किया गया है।
आरटीआई का इतिहास | History of RTI in Hindi
अब हमने जान लिया है कि RTI क्या है और आरटीआई का फुल फॉर्म (RTI Full Form in Hindi) क्या है। अब जानते हैं RTI कैसे अस्तित्व में आया और इसका इतिहास क्या है?
भारत की संसद ने सन दो हज़ार दो में पारित किए गए सूचना की स्वतंत्रता के अधिकार को बदलकर ही RTI यानी सूचना का अधिकार बनाया है इसे भारत की सरकार ने कुछ बदलावों के साथ दो हज़ार पांच में लागू किया था जिसने भारत के किसी भी नागरिक को भारत सरकार से जुड़े किसी भी सरकारी निकाय या सरकारी दफ्तर से जानकारी या सूचना मांगने का हक दिया गया है।
इसके साथ ही संसद ने भारत के सभी सरकारी दफ्तरों को मांगी गई सूचना को तीस दिन की निश्चित अवधि में ही देने का कानून बनाया है। इसमें दूसरा प्रावधान यह भी किया गया कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा मांगी गई सूचना उसकी जिंदगी और आजादी से जुड़ी हुई है तो ऐसी संवेदनशील जानकारी को उस तक अड़तालीस घंटों के भीतर पहुंचाने का प्रावधान भी रखा गया है।
सूचना का अधिकार, दो हज़ार पांच के लागू होने के बाद भारत की संसद ने क्षेत्रीय सरकारों, राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों के सभी दफ्तरों को अपने कामों का डिजिटलीकरण करने की बात कही थी। दूसरे शब्दों में भारत के सरकारी दफ्तरों को अपने दफ्तर से जुड़ी जानकारियों और चीजों को कंप्यूटरीकृत करने का निर्देश दिया गया था। इस कैटेगरी में वह चीज़ें आती है जो या तो सरकारी दफ्तरों के रिकॉर्ड हो और ऐसी जानकारियों को सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे जो आम जनता के लिए जरूरी होते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में सूचना के अधिकार, दो हज़ार पांच के लागू होने के बाद से हर दिन चार हज़ार से ज़्यादा लोग RTI के अधिकार के तहत सरकारी कार्यालयों से जानकारियां मांगने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
प्राइवेट क्षेत्रों और इससे जुड़े सभी निकायों, कंपनियों और दफ्तरों को RTI के अधिकार के तहत इसमें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यह क्षेत्र लोगों के द्वारा निजी तरीके से ऑपरेट किया जाता है इसलिए प्राइवेट सेक्टर इसके अधीन नहीं आता। लेकिन भारत में जितने भी सक्रिय राजनीतिक दल या पॉलीटिकल पार्टीज हैं उन्हें RTI के अधिकार के अंतर्गत शामिल किया गया है।
आरटीआई में आवेदन कैसे करें? | How to Apply For RTI in Hindi
सूचना के अधिकार के तहत आप कोई भी जानकारी दो तरीके से हासिल कर सकते हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन। हमने दोनों ही तरह के तरीके से कैसे सूचना मांगी जाए इसकी जानकारी नीचे प्रोवाइड करवाई है :
आरटीआई के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें? How to Apply Online for RTI in Hindi
- ऑनलाइन RTI फाइल करने के लिए आपको RTI की वेबसाइट https://rtionline.gov.in पर जाना पड़ेगा।
- वहां पर “सबमिट रिक्वेस्ट” नाम के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आप उस ऑप्शन को चेक करेंगे जिसमें लिखा है कि “मैंने ऊपर दिए गए सभी तरह के दिशानिर्देशों को पढ़ और समझ लिया है लिया है”।
- इसके बाद आपके सामने एक विंडो खुलेगी जिसमें आपको अपलोड करने वाला फॉर्म दिखाई देगा।
- इस फॉर्म में दी गयी सारी चीज़ो को आपको बहुत सावधानी पूर्वक फिल करना है।
- इसके बाद आप जिस सरकारी विभाग से अपनी जानकारी मांगना चाहते हैं उस विभाग का नाम लिखें और उसके बाद अगर आप अपना सवाल लिखना चाहते हैं तो आपको तीन हज़ार वर्ड्स की लिमिट दी जाती है।
- आपको इन वर्ड्स की लिमिट के अंदर अपनी बात लिखनी है और अगर आप लिखना नहीं चाहते हैं तो आप 1MB से कम की साइज की पीडीएफ फाइल भी अटैच कर सकते हैं।
- यह सारे स्टेप्स फॉलो करने के बाद आपसे दस रुपये का शुल्क मांगा जाएगा जो आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग किसी भी तरीके से कर सकते हैं।
- और आपकी रिक्वेस्ट उस विभाग तक पहुंच जाएगी जिसका जवाब आपको तीस दिन के अंदर अंदर मिल जाएगा
आरटीआई के लिए ऑफलाइन अप्लाई कैसे करें? | How to Apply Offline for RTI in Hindi
- आप सबसे पहले यह पता करें कि आप जिस विभाग से जानकारी हासिल करना चाहते हैं वह केंद्र सरकार के अधीन आता है, राज्य सरकार के अधीन आता है या आपके क्षेत्रीय सरकार के अधीन आता है।
- आप हिंदी या अंग्रेजी दोनों में से कोई भी एक भाषा में लिख सकते हैं या टाइप कर सकते हैं।
- आप चाहे तो जन सूचना अधिकारी से कहकर उनको लिखने के लिए कह सकते हैं।
- आप जिस विभाग से जानकारी हासिल करना चाहते हैं वह किस सरकार के अंतर्गत आता है उसको मेंशन करें कहने का मतलब है कि आप उन को संबोधित करते हुए अपनी RTI फाइल करेंगे।
- इसके बाद विषय वाले कॉलम में “सूचना का अधिकार दो हज़ार पांच के तहत सूचना की तलाश” लिखकर इसके बाद आप जिस दिन यह पत्र लिख रहे हैं उसकी तारीख और वार लिखें फिर जो जानकारी आप मांगना चाहते हैं उसका बिल्कुल स्पष्ट प्रश्न बनाएं और उसी प्रश्न को लिखें जो आप चाहते हैं।
- आप चाहें तो इस जानकारी को डाक के माध्यम से या उस विभाग में जाकर अपने हाथों से दे सकते हैं।
- अगर आपने जो जानकारी मांगी है वह आपको प्रिंट किए हुए पन्नों के रूप में मिलने वाली है तो हर पन्ने के लिए आपसे दो रुपये प्रति पेपर का शुल्क लिया जाएगा। और जब आप RTI की एप्लीकेशन डालने जाएंगे तो आप से दस रुपये लिए जाएंगे जो कि आप इसमें ड्राफ्ट से या कैश से किसी भी तरीके से दे सकते हैं।
- गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को यह शुल्क नहीं देना पड़ता लेकिन इसके बदले में उन्हें गरीबी रेखा से नीचे वाला प्रमाण पत्र दिखाना पड़ता है।
- लेटर के ऊपर आप अपना नाम, पता, संपर्क सूत्र या कांटेक्ट नंबर अपना ईमेल, अपना शहर एकदम स्पष्ट तरीके से लिखें और इसकी एक कॉपी अपने पास रखें। और जब आप यह देने जाएंगे तो आपको एक रसीद मिलेगी जिसे आप को संभाल कर रखना है और इस तरीके से आप ऑफलाइन तरीके से RTI फाइल करना सीख जाएंगे।
RTI Full Form in Hindi | आरटीआई के फायदे | Advatagous of RTI in Hindi
सूचना के अधिकार से हमें क्या-क्या फायदा हो सकता है उसके लिए हमने आपके लिए नीचे एक लिस्ट बनाई है जो इस प्रकार है –
- सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी सूचना आयुक्त द्वारा दी जाती है क्योंकि इस अधिकारी की पोस्टिंग इसी काम के लिए की गई है तो जानकारी मांगने वाले और देने वाले के बीच में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार पनपने की संभावना बिल्कुल ही खत्म हो जाती है।
- सरकारी दफ्तरों के द्वारा लोगों से रिश्वत लेने, उनको ठगने जैसे किसी भी तरह के मामलों की संभावना बिल्कुल नहीं रहती है।
- सूचना के अधिकार का एक और फायदा यह भी है कि जिस व्यक्ति ने जो जानकारी मांगी है, उसे सिर्फ उसी व्यक्ति तक पहुंचाई जाती है तो इस तरह से मांगी गई जानकारी और पहुंचाई गयी जानकारी के दुरुपयोग की संभावना भी बिल्कुल खत्म हो जाती है।
- मांगी गई जानकारी का सम्मान करते हुए और इसका दुरुपयोग ना हो या सुनिश्चित करने के लिए उस जानकारी के पहुंचने पर सिर्फ उसी व्यक्ति को सूचना दी जाती है जिसने वह जानकारी मांगी थी।
- सूचना के अधिकार के लागू होने के बाद भारत के नागरिकों को अपने अधिकारों के संरक्षण की जागरूकता आई है। अब भारत का आम नागरिक भी सरकारी दफ्तरों को दी गई समय सीमा के अंदर जानकारी प्रदान करने की के लिए बाध्य कर सकता है।
आरटीआई की कमियां | Drawbacks of RTI in Hindi
अब तक हमने जाना कि RTI के क्या फायदे हैं लेकिन सूचना के अधिकार की कुछ कमियां भी हैं जो आपको जानना जरूरी है वह इस प्रकार है –
जैसा कि हमने आपको शुरू में बताया कि भारत में हर दिन चार हज़ार से ज्यादा लोग RTI के तहत सरकारी विभागों से सूचना मांगते रहते हैं तो उस विभाग को वह जानकारी इकट्ठा करके उस व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक्स्ट्रा मशक्कत करनी पड़ती है। इस वजह से जहां सरकारी दफ्तरों के पास पहले से ही इतना ज़्यादा काम है, वहां काम का बोझ बढ़ गया है।
सूचना के अधिकार के तहत लोग अचानक से कहीं से भी किसी भी तरह की जानकारी मांग लेते हैं और जब उन्हें वह जानकारी नहीं मिलती है तब वह अशांति और उपद्रव का माहौल पैदा कर देते हैं जिससे कि सामाजिक अव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
हर सरकारी दफ्तर में एक सूचना आयुक्त की नियुक्ति की गई है अब एक ऐसा इंसान जिसे सच में ही किसी जानकारी की ज़रूरत है तो उसे वह जानकारी हासिल करने के लिए उस विशिष्ट दफ्तर में ही जाना पड़ेगा। इस वजह से उसे बहुत ज़्यादा भागदौड़ करनी पड़ेगी।
मेडिकल में आरटीआई का फुल फॉर्म | RTI Full Form in Medical
क्या आप जानते हैं मेडिकल क्षेत्र में भी एक RTI Full Form in Hindi होता है। मेडिकल क्षेत्र में आरटीआई का फुल फॉर्म Respiratory Tract Infection जिसे हिंदी में श्वसन तंत्र के संक्रमण के रूप में जाना जाता है। यह आपके श्ववसन तंत्र से जुड़ी किसी भी तरह की संक्रामक और हानिकारक बीमारी का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होता है जिसे ऊपर के श्वसन और नीचे के श्वसन पद में बांटा जाता है।
दोस्तों, जैसा की अब आप आरटीआई का फुल फॉर्म (RTI Full Form in Hindi) के बारे में पता चल गया है, आइये अब हम जानते है।
- JCB की फुल फॉर्म क्या है? (JCB Full Form in Hindi)
- EPC की फुल फॉर्म क्या है? (EPC Full Form in Hindi)
हमें आशा है कि आप को RTI से जुड़ी सारी जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से मिल गई होगी जिसमें RTI क्या है, आरटीआई का फुल फॉर्म (RTI Full Form in Hindi) क्या है, RTI ऑनलाइन और ऑफलाइन कैसे फिल करें? और आशा करते हैं कि यह पोस्ट RTI Full Form in Hindi आपके लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक सिद्ध हुई होगी।
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