मेरे सपनों का भारत पर निबंध– भारत को दुनिया का अनोखा देश कहने में कोई दो राय नहीं है। भारत है ही इतना अनोखा और विविधतापूर्ण। भारत देश के संविधान बनाने वालों ने विश्व के सभी संविधानो की अच्छी बातों को इसमें शामिल करके यह संदेश दिया कि भारत एक ऐसा देश है, जिसमें आप किसी भी अपरिचित तत्व को लाकर रख लेंगे। तब भी वह यहां के वातावरण में इतना घुल मिल जाएगा कि कुछ समय बाद पता ही नहीं चलेगा कि यह भारतीय नहीं है। ऐसा है हमारा देश भारत।
भारत विविधताओं का देश है। लेकिन यह सारे विद्युत आएं सहिष्णुता पूर्वक भारत में निवास करती हैं। लेकिन अक्सर हमारे मन में यह ख्याल आता है कि काश भारत ऐसा होता यह भारत वैसा होता। हम अपने मन में एक ऐसी व्यवस्था की कल्पना करते हैं। जिसके अनुसार हमें लगता है कि अगर यह व्यवस्था है। भारत देश में लागू हो जाए तो भारत एक आदर्श देश बन जाएगा।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज की पोस्ट में हम मेरे सपनों का भारत पर निबंध लेकर आए हैं। हमें आशा है कि ये मेरे सपनों का भारत पर निबंध पढ़कर आप भी मेरे सपनों का भारत पर निबंध लिख पाने में सफल हो पाएंगे।
मेरे सपनों का भारत पर निबंध की प्रस्तावना (Mere Sapno ka Bharat Essay in Hindi) :
भारत में दुनिया के सभी प्रमुख धर्मों के लोग सद्भावना और सम्मान की भावना से रहते हैं। इस देश की सरकार सभी धर्मों के प्रमुख त्योहारों के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित करती है, ताकि सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया जा सके। विद्यालयों में कार्य स्थलों पर कार्यालयों में सार्वजनिक स्थानों पर सभी के साथ समानता का व्यवहार किया जाता है।
लेकिन आजादी के इतने सालों के बाद भी भारत आज तक कुछ तथाकथित कुरीतियों और बुराइयों से स्वयं को पूरी तरीके से मुक्त नहीं कर पाया है। सदियों से चली आ रही यह कुरीतियां भारत को एक विकसित देश बनने से रोके हुए हैं। सरकार के द्वारा बनाई गई नीतियां भी इस दिशा में कुछ खास काम करते दिखाई नहीं देती है। इसलिए मैंने एक ऐसे भारत देश की कल्पना की है जो सभी आयामों में एक आदर्श राष्ट्र और विकसित देश होगा।
मैं भारत को एक विकसित देश के रूप में देखना चाहती हूं भारत के एक नागरिक होने के नाते मैं आशा करती हूं कि आने वाले वर्षों में भारत बहुत प्रगति करेगा और विश्व के दूसरे देशों के सामने अपनी छवि को और मुखर करेगा। भारत देश के कुछ क्षेत्रों में हमें विशेष तौर पर कुछ आमूलचूल बदलाव होता हुआ देखना चाहूंगी जिनका विवरण इस प्रकार है –
भारत में अशिक्षा :
अशिक्षा मेरे सपनों का भारत बनाने की दिशा में, मैं सबसे पहले और शिक्षा पर काम करना चाहूंगी। मैं चाहूंगी कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति पढ़ा-लिखा और शिक्षित हो, मेरा यह सपना है कि भारत की पुरुष और महिला साक्षरता दर 100% हो, इसके लिए मैं सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही कठोर और छोटे से छोटे तबके तक पहुंचे, ऐसी शिक्षा प्रदान करने के लिए आग्रह करूंगी।
ये भी पढ़े –
भारत में गरीबी की समस्या :
गरीबी जब भारत के सभी लोग खुश हो जाएंगे, तो गरीबी में अवश्य ही कमी आएगी। भारत के कुछ राज्य भले ही उन्नति और प्रगति के क्षेत्रों में संपन्न कहलाते हैं। लेकिन सत्य तो यह है कि भारत के कई राज्य आज भी गरीब कहलाते हैं। मैं ऐसे राज्यों में मूलभूत व्यवस्थाओं की सुविधा करके गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करूंगी। भारत के सभी नागरिक जब मिलजुल कर दे इस दिशा में काम करेंगे तो मुझे आशा है कि भारत से गरीबी एक दिन हमेशा के लिए मिट जाएगी।
भूखमरी भारत देश की एक ज्वलंत समस्या है। भुखमरी एक तरफ जहां साधन संपन्न लोग छोटे-छोटे उत्सव और अवसरों पर बहुत बड़ी मात्रा में खाने की बर्बादी करते हैं। लोग पानी की तरह पैसे बहा कर सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा और समाज में अपना पद बढ़ाने की सोचते रहते हैं, जबकि दूसरी तरफ भारत में लाखों-करोड़ों परिवार ऐसे हैं, जिन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने में ढेरों मशक्कत करनी पड़ती है।
ऐसे में मैं चाहूंगी कि सरकार ऐसे नियम बनाए जिसमें भोजन की बर्बादी पूरी तरह से रुक जाए। ताकि भोजन और अनाज का वितरण देश के सभी वर्गों में बराबर तरीके से हो सके। इस तरीके से मैं आशा करती हूं कि 1 दिन भारत से भुखमरी की समस्या समाप्त हो जाएगी।
भ्रष्टाचार और काला धन :
हम अपना अमूल्य वोट देकर जिन लोगों को सरकार बनाने के लिए भेजते हैं। वह लोग अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार और अव्यवस्था को जन्म देते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ में कड़े नियम बनाऊंगी और दंड के रूप में उन्हें उनके पद से आजीवन निष्कासित कर दूंगी। जब कुछ लोग इस तरीके से पद से निष्काषित कर दिए जाएंगे तो बाकी लोगों के बीच में इस बात का भय पैदा हो जाएगा कि अगर हमने भ्रष्टाचार नहीं रोका तो यह स्थिति हमारे साथी आ सकती है।
क्योंकि भारत सरकार हर तरह के प्रयास करके विफल हो चुकी है और भ्रष्टाचार है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए मैं इतना ही कठोर कदम उठाना पसंद करूंगी। जिससे भारत भ्रष्टाचार मुक्त एक आदर्श राष्ट्र बन सके।
सामाजिक कुरीतियां :
मेरे सपनों का भारत में समाज को सुधारने के लिए जो सबसे पहला काम में करना चाहूंगी, वह होगा जाति व्यवस्था का खात्मा भारत से जाति व्यवस्था पूरी तरीके से समाप्त करना चाहूंगी। जिससे एक ही बार में भारत की सभी लोग सामाजिक स्तर पर एक समान हो जाए। ना कोई ऊंच-नीच होगी, ना कोई जातिगत भेदभाव होगा, ना छुआछूत होगी, समाज के सभी वर्गों को बराबरी पर ला कर, मैं भारत के नागरिकों को सर्वधर्म समभाव का पाठ पढ़ आऊंगी।
मुझे पता है यह काम वास्तविक स्थितियों में बहुत ही चुनौती भरा है क्योंकि लोग अपनी जाति और अपने धर्म को सर्वोपरि मानते हैं। लोगों की सोच में बदलाव करने की जरूरत है। सरकार कठोर नियम बनाएगी और लोगों से इसका सख्ती से पालन करवाएंगे तो अवश्य ही जाति व्यवस्था जाति बुराई भारत से लुप्त हो जाएगी।
अपराध और अपराधी :
मेरे सपनों का भारत में अपराधिक मामलों के बढ़ने के कारणों का पता लगाकर मैं न्यायालय व्यवस्था को त्वरित करने की दिशा में सबसे पहले काम करूंगी। न्यायालय में सालों से अटके पड़े मामलों के निस्तारण के लिए मैं फास्ट ट्रैक कोर्ट हर कस्बे हर जिले में लगाऊंगी।
जिससे लोगों को त्वरित गति से और जल्दी से न्याय मिल सके भारत की न्याय व्यवस्था को इतना सशक्त कर दूंगी कि अपराधिक मानसिकता रखने वाले लोग न्यायालय के नाम से ही डरने लग जाएं। अपराध को रोकने के लिए डर ही सबसे बड़ा हथियार हो सकता है।
जब अपराधी न्याय व्यवस्था और कानून व्यवस्था से डरेगा। तब ही अपराध के प्रतिशत में कमी आएगी जघन्य और अमानवीय अपराधों के लिए किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और उस अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी ताकि दूसरे लोगों को भी इससे शिक्षा मिल सके।
बाल मजदूरी और गरीब लोग :
मेरे सपनों का भारत में बाल मजदूरी को बढ़ावा देने और 16 वर्ष से कम के बालकों को मजदूरी पर रखने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें इसके लिए दंडित किया जा सकेगा। बाल मजदूरी के कारणों में सबसे पहला है गरीबी और अशिक्षा।
ऐसे बालकों को विद्यालय में भेजकर और उनके परिवार के लोगों को काम दिलवा कर हम बाल मजदूरी जैसी सामाजिक कुरीति को हमेशा के लिए समाप्त कर सकते हैं। मेरे सपनों का भारत में गरीब इलाकों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को सरकार की तरफ से घर दिलवाए जाएंगे। जिससे कि वह भी एक स्वस्थ और बीमारी रहित वातावरण में रह सके, ऐसे लोगों में काम करने की प्रेरणा और अपना आर्थिक जीवन सुधारने की बातें समझा कर हम उनका जीवन सर सुधार सकते हैं।
मेरे सपनों का भारत पर निबंध का उपसंहार (Mere Sapno ka Bharat Essay in Hindi) :
इस प्रकार मैं यह कहना चाहूंगी कि मेरे सपनों का भारत अवश्य ही एक आदर्श और विकसित देश होगा। जहां पर समाज में कोई ऊंच-नीच भेदभाव या किसी भी प्रकार की सामाजिक बुराई के लिए कोई जगह नहीं होगी। मेरे सपनों के भारत में सभी लोग सुख शांति और समानता के साथ रहेंगे। जहां पर कोई किसी को छोटा या बड़ा नहीं समझेगा।
सभी लोग यहां पर प्रेम पूर्वक रहेंगे और निश्चित ही भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू पाने में समर्थ बन सकेगा। मैं आशा करती हूं कि एक दिन मेरे सपनों का भारत जरूर बनेगा।
Leave a Reply