किसी देश के विकास में सबसे पहले जिम्मेदारी हमारे चुने हुए नेताओं की होती है। यह नेता सरकार बना कर लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करके अपने देश के नागरिकों का चौमुखी विकास करने का प्रयास करते रहते हैं।
एक अच्छा नेता देश के विकास की प्रगति को कई गुना बढ़ा देता है भारत के इतिहास में भी ऐसे कई नेता हुए हैं। जिन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और अपने कामों की वजह से देश की जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई, ऐसे ही कुछ महान नेताओं के बारे में जानने के लिए आज की इस पोस्ट के विषय ‘मेरा प्रिय नेता’ में हम विस्तार से जानेंगे। इस पोस्ट में हम मेरा प्रिय नेता सुभाष चंद्र बोस, मेरा प्रिय नेता महात्मा गांधी, मेरा प्रिय नेता नरेंद्र मोदी, मेरा प्रिय नेता जवाहरलाल नेहरू, मेरा प्रिय नेता सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
मेरा प्रिय नेता सुभाष चंद्र बोस पर निबंध (Mera Priya Neta Subhash Chandra Bose Essay in Hindi) :
भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे सुभाष चंद्र बोस हम इन्हे नेताजी के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने भारत की आजादी में प्रमुख योगदान दिया था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस उड़ीसा के निवासी थे। इनका जन्म कटक में हुआ था सुभाष चंद्र बोस के पिताजी पेशे से वकील थे। जिनका नाम श्री जानकी नाथ बोस था। इनकी माता श्री का नाम प्रभावती था। नेताजी 23 जनवरी के दिन पैदा हुए थे। सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए नेता जी ने जापानी सेना की मदद से प्रसिद्ध आजाद हिंद फौज की स्थापना सिंगापुर में 21 अक्टूबर 1942 को की थी। आजाद हिंद फौज के सुप्रीम कमांडर के रूप में नेता जी ने अपने सैनिकों को दिल्ली चलो का प्रसिद्ध नारा दिया।
नेता जी ने अपनी सोच के सर्वोच्च सेनापति के रूप में अपनी सेना को आजाद भारत के लिए एक नई सरकार माना जिससे उस समय जापान जर्मनी चीन कोरिया इटली फिलिपिंस आदि देशों ने मान्यता दी थी नेताजी की मौत को लेकर आज भी रहस्य कोई नहीं सुलझा पाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के युवाओं के मन में कड़ी मेहनत अथक प्रयास और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर चुनौती का सामना करने की प्रेरणा देते हैं।
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मेरा प्रिय नेता महात्मा गांधी पर निबंध (Mera Priya Neta Mahatma Gandhi Essay in Hindi) :
आज के निबंध का मेरा विषय है मेरा प्रिय नेता महात्मा गांधी, महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। जिन्हें भारत और विश्व के लोग बापू के नाम से भी जानते हैं। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी का योगदान अतुलनीय है। इनके सत्याग्रह और चलाए गए आंदोलनों की वजह से भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो पाया।
अमेरिका से वकालत की पढ़ाई पूरी करके गांधीजी साउथ अफ्रीका बैरिस्टर की नौकरी करने चले गए वहां पर उनके साथ हुए रेल के उस रंगभेद के हादसे ने महात्मा गांधी को अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया इसके बाद गांधीजी 1915 में भारत आ गए, और गुजरात की साबरमती नदी के किनारे साबरमती आश्रम की स्थापना कर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया।
गांधीजी ने चंपारण सत्याग्रह खेड़ा सत्याग्रह खिलाफत आंदोलन रोलेट सत्याग्रह सविनय अवज्ञा आंदोलन असहयोग आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन जैसे देशव्यापी आंदोलन चलाकर भारत को आजादी दिलाने में सबसे बड़ा योगदान दिया। गांधी जी की लिखी हुई आत्मकथा सत्य के साथ मेरे प्रयोग में उन्होंने युवाओं को सत्य अहिंसा और अपने हक के लिए लड़ने की प्रेरणा देते हैं, महात्मा गांधी भारत के कई लोगों के प्रेरणा स्त्रोत हैं और हमेशा रहेंगे।
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मेरा प्रिय नेता जवाहरलाल नेहरू (Mere Priya Neta Pandit Jawahar Lal Nehru in Hindi) :
आज के निबंध का विषय है मेरा प्रिय नेता का नाम जवाहरलाल नेहरू है। भारत की आजादी के आंदोलन में इन्होंने अपने बहुत प्रमुख भूमिका निभाई थी। भारत की आजादी के लिए लड़े गए आंदोलनों में इन्होंने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। ऐसे देश प्रेमी नेता का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में पंडित मोतीलाल नेहरू के घर हुआ था पंडित मोतीलाल नेहरु एक रईस कश्मीरी पंडित थे।
कैंब्रिज विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई करने के बाद जवाहरलाल नेहरू बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए भारत लौटे खिलाफत सत्याग्रह के दौरान पहली बार नेहरू गांधी जी के संपर्क में आए और यहीं से उनका राजनीतिक जीवन शुरू हो गया। असहयोग आंदोलन के समय उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया और इसके बाद वे भारत की सक्रिय राजनीति का एक हिस्सा हो गए। महात्मा गांधी ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना और आजाद भारत की पहली सरकार में जवाहरलाल नेहरू ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
भारत में इन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है और इनके जन्मदिवस को भारत में राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। 1929 के ऐतिहासिक लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग का अपना सपना दोहराया और 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मार्गदर्शन में योजना आयोग बनाया गया, जिसकी मदद से पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करके जवाहरलाल नेहरू ने देश को आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में विकास करने मे अमिट छाप छोड़ी।
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मेरा प्रिय नेता डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम (Mera Priya Neta Abdul Kalam Essay in Hindi) :
आज के मेरे निबंध का विषय है मेरा प्रिय नेता डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, इनका पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुल आब्दीन कलाम है। डॉ कलाम भारत के 11 राष्ट्रपति के रूप में भी काम कर चुके हैं। तमिलनाडु के रामेश्वरम के छोटे से गांव में पैदा हुए डॉक्टर कलाम अपने माता पिता के दिए हुए संस्कारों से बहुत प्रभावित थे। उनके पिता एक और शिक्षित व्यक्ति थे। लेकिन जीवन में साक्षरता के महत्व को जानते थे। इसलिए वे बालक कलाम को हमेशा शिक्षा का महत्व बताते रहते थे। डॉक्टर कलाम को भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता है।
इनकी आत्मकथा का नाम विंग्स ऑफ फायर है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन में रहकर अग्नि और पृथ्वी जैसे मिसाइलों का सफल निर्माण भी किया है। इन्हीं के नेतृत्व में भारत ने राजस्थान के पोकरण में दो सफल परमाणु परीक्षण कर यह साबित कर दिया कि भारत परमाणु शक्ति के मामले में किसी से कम नहीं है।
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम युवाओं के बीच में एक बहुत बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी बताई हुई बातों से मोटिवेशन हासिल करते हैं। डॉ कलाम ने एक वैज्ञानिक के रूप में भारत को कई बड़ी उपलब्धियां प्राप्त करवाई हैं। डॉक्टर अब्दुल कलाम की कही हुई बातें बच्चों और युवाओं को जीवन जीने का रास्ता दिखाती है। इस प्रकार डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मेरा प्रिय नेता है।
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मेरा प्रिय नेता नरेंद्र मोदी (Mera Priya Neta Narendra Modi Essay in Hindi) :
आज के निबंध का विषय है मेरा प्रिय नेता नरेंद्र मोदी, नरेंद्र मोदी जी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। नरेंद्र मोदी जी गुजरात के रहने वाले हैं। नरेंद्र मोदी जी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं भारत में हजारों लोग इन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। नरेंद्र मोदी जी 14 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। भारत के 14वें प्रधानमंत्री बनने के बाद इन्होंने देश में कई बड़ी योजनाओं को लागू करवाया है। इनका सबसे बड़ा योगदान अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में रहा है।
ऐसे निडर उत्साही नेता का जन्म गुजरात के बड़नगर में 17 सितंबर 1950 में हुआ। नरेंद्र मोदी बचपन में अपने पिता केस टी स्टाल में उनकी मदद करते थे। बहुत कम लोग हैं जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेई की तरह ही वे एक नेता होने के साथ-साथ राष्ट्र प्रेमी भी है। नरेंद्र मोदी गुजराती और हिंदी दोनों भाषाओं में राष्ट्रप्रेम की कविताएं लिखते हैं।
नरेंद्र मोदी एक बहुत ही प्रखर हिंदूवादी देश प्रेमी नेता है। इनकी योजनाओं कि कई बार आलोचना भी हुई है, लेकिन इनके काम करने का तरीका भारत के सभी नेताओं से अलग है और इसी वजह से यह विश्व की महानता लोगों की सूची में शामिल है। भारत में लोगों के द्वारा पसंद किए जाने वाले नंबर एक नेता है, इनके भाषणों को सुनकर भारत के लोगों में अलग ही प्रकार का उत्साह और देशप्रेम दौड़ने लगता है।
मेरा प्रिय नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल (Mera Priya Neta Sardar Vallabh Bhai Patel Essay in Hindi) :
आज के निबंध का विषय है मेरा प्रिय नेता सरदार वल्लभभाई पटेल, लेकिन लोग इन्हें सम्मान से सरदार पटेल भी पुकारते हैं। सरदार पटेल को भारत का पहला उप प्रधानमंत्री बनने का सम्मान प्राप्त हुआ। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में एक पाटीदार पटेल परिवार में जावेद भाई पटेल के घर पैदा हुए थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। इन्होंने स्वतंत्र भारत की पांच सौ से भी ज्यादा रियासतों को मिलाकर देश का निर्माण किया था। लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अहमदाबाद में वकालत का अपना काम करने लगे। सरदार पटेल के जीवन पर महात्मा गांधी के विचारों और सत्याग्रह और अहिंसा का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।
उनसे प्रेरणा लेकर सदार वल्लभभाई पटेल भारत के सुंदरता संग्राम में हिस्सा लेने लगे। गुजरात के खेड़ा में सूखे की मार से परेशान किसानों को करना देने के लिए प्रेरित करके, उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई खेड़ा सत्याग्रह की सफलता के बाद लोगों ने सरदार पटेल को एक निर्भीक और इमानदार देश प्रेमी नेता के रूप में जाना शुरू किया। पंडित नेहरू और सरदार पटेल के बीच में बहुत सारी समानता होने के बावजूद भी बहुत सारी और समानताएं थी।
एक तरफ जहां पंडित नेहरू गांव की गंदगी से चढ़ते थे। वहीं दूसरी तरफ सरदार पटेल खुद को गांव का किसान मानते थे। पंडित नेहरू एक तरफ जहां कोई चीज करने के बारे में सोचते रहते थे। सरदार पटेल और चीज को करके आ भी जाते थे इस प्रकार एक देश प्रेमी भारतीय संस्कृति के ज्ञाता शास्त्रों के पुजारी सरदार पटेल को मेरा सलाम है।
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