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समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi)

समाचार पत्र पर निबंध – वर्तमान समय में मनुष्य दुनिया भर में हो रही घटनाओं का अपने स्मार्टफोन से पता लगा लेता है। हमारे जिले राज्य देश और विदेशों में हो रही चीजों राजनैतिक – उठापटक, क्रय – विक्रय, आयात – निर्यात आदि की जानकारी हम कई माध्यमों से हासिल करते हैं। इन माध्यमों को मल्टीमीडिया के नाम से पुकारा जाता है।

मल्टीमीडिया के साधनों में टीवी रेडियो पत्र पत्रिकाएं समाचार पत्र आदि आते हैं। हम इन सभी साधनों का इस्तेमाल देश-दुनिया की खबरों से अपडेट रहने के लिए अपने मनोरंजन के लिए करते हैं। इसी प्रकार हमारे जीवन में समाचार पत्र का अहम स्थान होता है। यह इन सबसे सस्ता और आसानी से मिल जाने वाला साधन है। समाचार पत्र हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होते हैं।

समाचार पत्रों की इसी विशेषता को जाने की वजह से आज की पोस्ट समाचार पत्र पर निबंध में हम आपके लिए समाचार पत्र में विषय पर एक बहुत ही सुंदर और सरल निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि इस समाचार पत्र पर निबंध को पढ़कर आप भी समाचार पत्र पर निबंध लिख पानी में सक्षम हो पाएंगे।

समाचार पत्र पर निबंध की प्रस्तावना (Essay on Newspaper in Hindi) :

सुबह-सुबह उठते ही चाय के कप के साथ घर के लोगों को जो सबसे जरूरी चीज चाहिए होती है, वह है समाचार पत्र। समाचार पत्र पढ़ने के लिए सुबह-सुबह घरों में होने वाली नोकझोंक अनायास ही सबके चेहरों पर प्रसन्नता ले आती है। सभी लोग अपने अपने घरों में टीवी पर समाचार देखते हैं। लेकिन फिर भी सबके घरों में समाचार पत्र आता है समाचार पत्रों की लोकप्रियता की वजह से लोग इन्हें पढ़ना पसंद करते हैं।

समाचार पत्र का इतिहास (History of newspaper in Hindi) :

इतिहासकार ऐसा मानते हैं कि समाचार पत्रों को छापने का इतिहास चीन में 16वीं शताब्दी से शुरू हुआ। लेकिन चीन में जो समाचार पत्र छपते थे। वे बहुत प्राचीन और शुरुआती दौर के थे। चीन के बाद 17 वी शताब्दी में समाचार पत्रों को इटली में छापने और रंगने की कला के विकास के बाद छापा गया। इटली का यह समाचार पत्र आसपास के इलाकों में भी भेजा जाता था।

इसके बाद समाचार पत्रों की छपाई का काम यूरोप के बाकी इलाकों में भी फैल गया। भारत में समाचार पत्रों की छपाई और मुद्रण का कार्य अंग्रेजों के आने के बाद से शुरू हुआ। भारत में समाचार पत्र का सबसे प्राचीन प्रमाण मुगलों के काल के समय मिलता है, जिसे हाथ से लिखा जाता था।

इस प्रकार भारत में अंग्रेजी हुकूमत के शुरू होने के बाद सही और तकनीकी रूप से छापे खानों की शुरुआत हुई। भारत की आजादी की लड़ाई में इन समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अहम भूमिका निभाई, भारत के कई सारे राजनीतिक लोगों ने अपने-अपने संपादन में समाचार पत्रों को छापना शुरू किया। जिसने लोगों के बीच में आजादी की भावना जगाने का काम किया।

ये भी पढ़े –

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समाचार पत्रों की विशेषता (Specialty of Newspapers in Hindi) :

समाचार पत्र हाथ में आते ही हम सबसे पहले बड़े – बड़े काले अक्षरों में छपी खबरों को पढ़ने में अपना सारा ध्यान लगा देते हैं, क्योंकि ये वह खबरें होती है जो अब तक की गति सबसे अहम खबरें होती हैं इन हेडलाइंस कहा जाता है। समाचार पत्रों में कार्टून, राशिफल, ज्योतिष, शास्त्र लेखन, कविताएं, गजलें, स्वास्थ्य, भोजन संबंधित जानकारी, मौसम का हाल राजनीति से जुड़ी खबरें, सरकार द्वारा लाई जा रही नहीं योजनाओं, सरकार की कमियों, नेताओं की कमियों और उनके कामों के बारे में विस्तार से विवेचन किया जाता है।

इसलिए एक समाचार पत्र में हमें अपने समाज के हर क्षेत्र से जुड़ी जानकारी आसानी से मिल जाती है। लोक समाचार पत्रों में मैट्रिमोनियल क्लासिफाइड जैसे कॉलम्स में अपनी जरूरतों के हिसाब से विज्ञापन छपवाते हैं। एक बार में हमें सभी तरह की जानकारी बहुत आसानी से मिल जाती है।

समाचार पत्रों की आवश्यकता (Need of Newspapers in Hindi) :

समाचार पत्र वर्तमान समय में हमारी आवश्यकता बन गए हैं। क्योंकि इतने कम दामों में इतनी सारी जानकारी हमें सहज ही मिल जाती है। समाचार पत्रों में छपने वाले संपादकीय लेख, व्यंग्य लेख, साक्षात्कार, किताबों का विमोचन, वर्ग, पहेलियां, कहानियां, कविताएं, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें बाजार आदि की जानकारी हमें समाचार पत्रों के माध्यम से ही मिलती है।

वर्तमान समय के समाचार पत्र विविधता पूर्ण और बहुत ही विस्तृत जानकारी लिए होते हैं। सरकार का कामकाज, कानूनों का निर्माण, चुनावों की हलचल, नेताओं के भाषण आदि सभी जानकारियां हमें समाचार पत्रों के माध्यम से ही मिल जाती हैं।

समाज में समाचार पत्र का योगदान (Contribution of Newspaper in Society in Hindi) :

समाचार पत्रों का समाज में जागरूकता बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान होता है। कुरीतियों के नाम देश विदेश में चलने वाले आंदोलनों विदेशी सरकारों में चल रही घटनाओं आदि का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। समाचार पत्र पढ़ने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को भी बहुत मदद मिलती है। समाचार पत्रों से उनकी समसामयिकी तो मजबूत होती ही है। साथ ही साथ उन्हें देश विदेश की जानकारी भी मिल जाती है। समाचार पत्र पढ़ते रहने से अनेक राज्यों के सरकारी महकमों के अधिकारियों के नाम भी हमें याद हो जाते हैं।

इस प्रकार हमारा सामान्य ज्ञान भी मजबूत होता है। सिनेमा से लेकर मनोरंजन तक और सरकार से लेकर नए गानों तक हर तरह की खबर समाचार पत्रों के माध्यम से हमें मिल जाती है। समाचार पत्र समाज के लोगों के बीच में विचारधाराओं को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि हम जो खबर समाचार पत्रों में पढ़ते हैं।

हम उस घटनाएं वस्तु के बारे में वैसे ही सोच बना लेते हैं, इसलिए समाचार पत्र के लिए खबरें लिखने वाले लेखकों और संपादकों को चाहिए कि वे निष्पक्ष और इमानदारी पूर्वक अपना काम करें और लोगों के बीच में वैसे ही खबर पहुंचाए जैसी वास्तव में हुई है। इसलिए समाचार पत्रों की जिम्मेदारी अत्यधिक बढ़ जाती है और इसी वजह से मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है।

समाचार पत्र पर निबंध का उपसंहार (Essay on Newspaper in Hindi) :

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि समाचार पत्रों का मानव जीवन में बहुत ही अहम स्थान है। मानव का समाचार पत्रों से संबंध बहुत गहरा हो चुका है। वर्तमान समय में समाचार पत्र तो जैसे हमारे खबरी हो गए हैं। जो शहर की, देश-दुनिया की, मनोरंजन क्षेत्र की सारी खबरें हमें लाकर देते हैं।

हमारे जीवन में समाचार पत्रों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। लेकिन साथ ही समाचार पत्र एजेंसियों को भी अपना दायित्व समझने की आवश्यकता है कि वे जो खबरें छापते हैं उनसे लोगों की मानसिकता बदल जाती है, इसलिए उन्हें ऐसी ही खबरें छापनी चाहिए जो सकारात्मक, सच्ची और बिना हेरफेर के छपी हुई हों।

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