Essay on Dussehra in Hindi – भारत में भगवान विष्णु के सभी अवतारों में से केवल 2 अवतारों को सबसे ज्यादा पूजा जाता है और जिनकी सबसे ज्यादा पूजा की जाती है, भगवान विष्णु के ऐसे अवतार हैं लीलाधारी श्री हरि कृष्ण और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम।
दोनों ने ही अपने अपने समय में बुराइयों का अंत करके समाज में धर्म, भक्ति, समानता, दिन भावना और सहिष्णुता का परिचय दिया था हमारे हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण को कंस जैसे अत्याचारी का संहार करने और प्रभु श्री राम को लंकापति रावण का विनाश करने के लिए धरती लोक पर भेजा गया था।
इस पोस्ट में हम भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े एक प्रसंग जिसे हम दशहरे के रूप में मनाते हैं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इसीलिए आज की पोस्ट में हम आपके लिए दशहरा विषय पर एक बहुत ही सुंदर और सरल निबंध लेकर आए हैं। हमें आशा है कि यह दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) पढ़ने के बाद आप भी दशहरा पर निबंध लिख पाने में सफल हो सकेंगे।
दशहरा पर 10 लाइन में निबंध (10 lines on Dussehra in hindi) :
- दशहरा हिंदू धर्म के लोगों का एक बहुत ही विशिष्ट त्यौहार है।
- बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत होने की वजह से दशहरा त्यौहार भारत में मनाया जाता है।
- दशहरा हिन्दू पंचांग के सांतवें महीने यानी अश्विन महीने के उजाले पक्ष की दशमी को मनाया जाने वाला त्योहार है।
- दशहरे को विजयादशमी और बिजॉय दसमी के नाम से भी जाना जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण को 8 दिन चले युद्ध में हराकर माता सीता को मुक्त कराया था।
- पूरे भारत में इस दिन रावण कुंभकरण और विभीषण के बड़े-बड़े पुतले बनाकर उन्हें पटाखे भरकर उन्हें जलाए जाने का रिवाज है।
- विजयादशमी से पहले भारत के कई इलाकों में रामलीला का आयोजन भी किया जाता है।
- दशहरे के दिन भारत के कई इलाकों में बड़े बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है।
- दशहरे के दिन पूरे भारत में सरकारी छुट्टी होती है।
- दशहरा पूरे भारत देश में बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
दशहरा पर निबंध 250 शब्दों में (Essay on Dussehra in Hindi 250 Words) :
दशहरे का त्यौहार विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में दशहरे को बिजॉय दसमी और भारत के बाकी इलाकों में इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्री राम को रावण के खिलाफ युद्ध में विजय नहीं मिल रही थी तो भगवान राम ने देवी आदिशक्ति की विशेष पूजा अर्चना की और अमरत्व का वरदान प्राप्त हुए रावण को युद्ध में हराने का आशीर्वाद प्राप्त किया। 8 दिन तक चले इस घनघोर युद्ध में आखिरकार रावण की हार हुई और इस प्रकार भगवान श्री राम ने माता सीता को रावण के चंगुल से छुड़ा लिया।
एक और पौराणिक कथा की मान्यता के अनुसार महिषासुर नामक आतताई और अत्याचारी राक्षस का संहार करने के लिए सभी देवों ने मिलकर अपनी अपनी शक्ति से माता दुर्गा की आराधना की थी, महिषासुर राक्षस का भी वध उसी दिन किया गया था, जिस दिन लंका में रावण की मृत्यु हुई थी। इसलिए भारत में इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए और अधर्म पर धर्म की स्थापना के तौर पर मनाया जाता है।
दशहरे के दिन देशभर में छुट्टी होती है और भारत के कई सारे इलाकों में दशहरे के दिन मेलों का आयोजन किया जाता है लोग बड़े ही उत्साह के साथ इनमें मेंलो को देखने जाते हैं, दशहरे का विशेष महत्व इस बात का है कि बड़े-बड़े मैदानों में कई-कई फुट पहुंची रावण और उसके दो भाइयों कुंभकरण और विभीषण की प्रतीकात्मक मूर्तियां बनाई जाती है और उनके अंदर ढेर सारे पटाखे भरे जाते हैं।
अंधेरा होने के बाद इन मूर्तियों में आग लगा दी जाती है और यह मूर्तियां धू-धू कर जलने लगती है। यह इस बात का संकेत है कि इन मूर्तियों रूपी बुराई को जलाने के लिए धर्म रूपी आग जरूरी है।
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दशहरा पर निबंध की प्रस्तावना (Essay on Dussehra in Hindi) :
हमने अपने जीवन में यह श्लोक हजारों बार पढ़ा और सुना होगा “यदा यदा ही धर्मस्य, ग्लानिर्भवति भारतः, अभ्युत्थानम् अधर्मस्यम्, तदात्मानम् सृजाम्यहम्…”
इस श्लोक का मतलब यह है कि भारत में जब भी अधर्म बढ़ता है, अमानवीयता बढ़ती है, धर्म का नाश होता है और लोगों के जीवन से धर्म जब कम होने लगता है, तब उस समय एक अवतार जन्म लेता है जो इन सारी बुराइयों का नाश करके समाज को फिर से एक सुखी समृद्ध और धार्मिक समाज में परिवर्तित कर देता है। अब यह पंक्ति वर्तमान समय में कितनी सार्थक और सही साबित होती है, यह तो सबके अपने अपने मत की बात है। लेकिन अगर हम इस इस लोक को रामायण के संदर्भ में देखें तो कदाचित यह सत्य साबित होता है।
दशहरा क्यों मनाया जाता है? (Why is Dussehra celebrated in Hindi?) :
महर्षि वाल्मीकि के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखे गए ग्रंथ रामायण के अनुसार, अपने वनवास के अंतिम वर्ष में भगवान राम लक्ष्मण और सीता पंचवटी में निवास कर रहे थे। राम और लक्ष्मण शिकार ढूंढने के लिए चले गए, जबकि माता सीता अपनी कुटिया में ही उनके आने का इंतजार करने लगे।
लक्ष्मण ने माता सीता को चेतावनी देते हुए कहा कि मुझे कुछ आशंका हो रही है, इस वजह से आप आज कुटिया से बाहर मत निकलना, चाहे कुछ भी हो जाए, रावण इसी मौके की तलाश में बैठा था। लंका के राजा रावण के जब उसके गुप्तचरो ने उसे बताया कि पंचवटी में अपनी कुटिया में सीता अकेली है तो वह अपना पुष्पक विमान लेकर आया और माता सीता को बलपूर्वक अपने विमान में बैठाकर लंका ले गया।
वापस आने पर जब माता सीता को कुटिया के अंदर ना पाकर प्रभु राम और लक्ष्मण चिंतित हुए, तब उन्हें घायल जटायु ने बताया कि लंका के राजा रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया है। लंका से सीता को छुड़ाने के लिए प्रभु श्री राम ने एक बहुत ही विशाल सेना इकट्ठी करके रामेश्वरम से लगकर लंका के तट तक, वास्तव में एक पत्थरों का पुल बनाकर तैयार कर लिया।
लंका पहुंचने पर भगवान श्री राम और रावण के बीच 84 दिनों तक भयंकर लड़ाई चलती रही, ऐसा वर्णन बाल्मीकि रामायण में मिलता है युद्ध में विजय ना मिलती देख, प्रभु राम ने देवी आदिशक्ति की आराधना शुरू कर दी और उनके आशीर्वाद से अमरता का वरदान मिल चुके, रावण को हराने का मार्ग मिल गया।
इस पूजा के बाद भगवान राम और रावण के बीच अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि से जो युद्ध शुरू हुआ। वह दशमी तिथि तक चला और आखिरकार रावण की मृत्यु हो गई। माता सीता को लेकर प्रभु श्री राम अयोध्या आ गए और उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत किया रावण की हार और श्रीराम की जीत के उपलक्ष में भारत में दशहरे का पर्व मनाया जाता है।
दशहरे का महत्व (Importance of Dussehra in Hindi) :
रावण का मारना प्रभु श्री राम का जीत हासिल करना, यह संकेत देता है कि हम अपने जीवन में चाहे कितना ही अनैतिक और अधर्म का काम करें? लेकिन कभी ना कभी तो इस अधर्म पर धर्म की जीत तो होनी ही है। एक अधर्मी व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता है।
बुराई भले ही थोड़े समय के लिए अपना पक्ष मजबूत कर लेती है। लेकिन अंत में बुराई को समाप्त होना ही पड़ता है। इसी बात का महत्व लोगों को समझाने और बताने के लिए दशहरे का पर्व मनाया जाता है। जहां रावण और उसके भाइयों कुंभकरण और विभीषण के कई फुट लंबे पुतले बनाकर उनको जलाया जाता है। यह इस बात का भी संकेत है कि अग्नि या आग इस पृथ्वी का सबसे पवित्र तत्व होता है और जो भी इस अग्नि से होकर गुजरता है वह शुद्ध और सात्विक हो जाता है।
दशहरा पर निबंध का उपसंहार (Essay on Dussehra in Hindi) :
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत में दशहरे के त्यौहार का महत्व कितना ज्यादा है, विजयादशमी के नाम से भी जाने जाने वाले इस त्योहार के दिन जो मेले लगते हैं। उसमें सभी धर्म और संप्रदाय के लोग सहिष्णुता और सद्भावना की मानसिकता से ओत-प्रोत होकर सारे भेदभाव भुलाकर समान रूप से आनंद और हर्ष का अनुभव करते हैं।
दशहरे का त्यौहार विद्यार्थियों और युवाओं को संदेश देता है कि वर्तमान समाज में हम चाहे कितने भी बुराई में फस जाए, लेकिन अगर अच्छाई का साथ देते हैं और सच्चाई के पथ पर चलते हैं तो बुराई हमारे जीवन को नष्ट नहीं कर सकती है, इसलिए हमेशा हमें अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए। भले ही या कितना ही कठिन और कष्टकारी क्यों ना हो।
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