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डायरी लेखन क्या है? डायरी कैसे लिखे? (Diary Lekhan in Hindi)

हिंदी भाषा का साहित्य सबसे विशिष्ट साहित्य इसीलिए कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें आप अपने विचारों को मूर्त रूप से देने में सक्षम हो पाते हैं। हिंदी साहित्य की विधाओं में पत्र लेखन अनुच्छेद लेखन, निबंध लेखन, प्रार्थना पत्र लेखन, विज्ञापन लेखन आदि इसलिए रखे जाते हैं ताकि छात्र अपने लेखन की स्किल्स को दिखाने में कामयाब हो सके।

ऐसे ही एक विधा है डायरी लेखन, हमें से अक्सर कई लोग डायरी लिखना पसंद करते हैं। नई डायरी खरीदने पर कुछ वक्त तक तो हम डायरी लिखते हैं। लेकिन बाद में ऐसे उदासीन हो जाते हैं कि डायरी लिखने में से आलस आ जाता है ऐसे में अगर आपको पता हो कि डायरी कैसे लिखी जाती है? डायरी क्यों लिखी जाती है?

डायरी लिखना इतना अहम क्यों माना जाता है? डायरी लिखते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आप भी अपने डायरी लेखन को समय दे पाएंगे और स्वयं के लिए एक अच्छे लेखक साबित हो पाएंगे। इसीलिए आज इस पोस्ट में हम आपके लिए डायरी लेखन और इससे जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से लेकर आए हैं, हमें आशा है कि अब पोस्ट पढ़ने के बाद आप भी डायरी लेखन में निपुण हो जाएंगे, इसलिए इस डायरी लेखन पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

डायरी क्या है? (What is Diary in Hindi?) :

डायरी एक ऐसी किताब होती ,है जो आपको आपके विचारों, भावनाओं और दैनिक दिनचर्या के बारे में लिखने की प्रेरणा देती है। डायरी में पूरे साल के हिसाब से दिन और महीनों को बहुत ही सुंदर तरीके से बांटा हुआ होता है। आप महीने की तारीख के हिसाब से अपना विवरण लिख सकते हैं। डायरी में आप पूरे दिन भर में हो चुकी घटनाओं और बातों का संक्षिप्त ब्यौरा लिखते हैं। डायरी एक इंसान की सबसे पर्सनल चीज़ होती है। इसमें आप अपने जीवन के सबसे अच्छे, कठिन, खट्टे मीठे पलों के बारे में लिखते हैं साथ ही साथ आप इसमें दूसरों के बारे में अपने विचार, अपने लक्ष्य, परिवार और दोस्तों से जुड़ी बातें लिखते हैं।

डायरी लेखन क्या है? (Diary Lekhan in Hindi) :

डायरी लिखने को आप खुद का साहित्य कह सकते हैं, यह एक ऐसा साहित्य होता है जिसे आप अपने लिए स्वयं के द्वारा लिखते हैं। डायरी लेखन एक ऐसी विधा है जिसमें किसी व्यक्ति की मितान व्यक्तिगत और स्वयं की भावनाओं विचारों और तथ्यों का बहुत ही विस्तार और बारीकी से वर्णन किया जाता है। डायरी लिखना हिंदी साहित्य की गद्य विधाओं में से एक है और इसे स्वतंत्र साहित्य के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि हर व्यक्ति के डायरी लिखने का तरीका दूसरों से अलग होता है।

डायरी लिखना क्यों जरूरी है? (Why is It Important to Write a Diary in Hindi?) :

डायरी लिखने के पीछे कुछ विशेष बातें होती हैं, जिनमें आप डायरी लिख कर अपने विचारों को कागज पर उतारते हैं और स्वयं का विश्लेषण करते हैं। डायरी लिखने पर आप स्वयं से रूबरू हो पाते हैं। अपनी अच्छी बुरी हर चीज का आकलन कर पाने में कामयाब हो पाते हैं। डायरी लिखना एक अच्छी आदत है, क्योंकि इससे आपके जीवन में नियमितता बनी रहती है और आप खुद का विश्लेषण कर पाते हैं।

डायरी लिखते समय आप खुद की आलोचक होते हैं। क्योंकि आपकी अच्छी बुरी सभी बातों का परिणाम आपको ही मिलने वाला है, इसलिए आप डायरी लिखने का काम नियमित तौर पर करते रहें।

ये भी पढ़े –

  • अनुच्छेद लेखन क्या है? अनुच्छेद लेखन कैसे लिखे?
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Bhrashtachar Essay in Hindi)
  • मेरी माँ निबंध (Meri Maa Essay in Hindi)

डायरी लेखन की विशेषताएं (Features of Diary Writing in Hindi) :

डायरी लिखने की प्रमुख विशेषता यह है कि इसे लिखने से आप स्वयं के आलोचक तो बनते ही हैं साथ ही साथ अक्सर ऐसा देखा गया है कि डायरी लिखने वालों को अपने जीवन में अनुशासन और काम करने का जज्बा बरकरार रखने में मदद मिलती है। डायरी लिखने से आप सही गलत और अच्छे बुरे का विश्लेषण कर पाते हैं और उसी हिसाब से अपने जीवन में फैसले लेते हैं।

डायरी आपकी एक ऐसी मित्र बन जाती है जो आपकी हर रात को अपने तक ही सीमित रखती है ऐसे व्यक्ति जिसे कोई मानसिक बीमारी होती है। उन व्यक्तियों को रोजगारी लिखने के लिए कहा जाता है, उनकी लिखी हुई बातों का विश्लेषण करके डॉक्टर अक्सर उनकी बीमारी का सफल इलाज कर पाने में कामयाब हो जाते हैं।

इस तरीके से लिखी गई डायरीज को केस स्टडी माना जाता है। डायरी लिखने से आपके मन का बोझ तो हल्का होता ही है साथ ही आप डायरी में वह सारी चीजें भी लिख पाते हैं. जो आप दूसरों के साथ साझा करने में हिचकिचाहते हैं। इस तरीके से आप डिप्रेशन का शिकार होने से तो बचते ही हैं आप अकेलेपन की भावना से भी धीरे-धीरे मुक्त हो जाते हैं।

डायरी लेखन फॉर्मेट (Diary Writing Format in Hindi) :

वैसे तो डायरी लेखन एक स्वतंत्र काम है, क्योंकि इसमें ना किसी साहित्यिक विश्लेषण, क्लिष्ट भाषा साहित्य की विधाएं और व्याकरणिक सिद्धियों की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन फिर भी डायरी लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखने से आप एक सफल डायरी लेखक बन सकते हैं। जब भी आप डायरी लिखने बैठे, आप समय और तारीख जरूर लगाएं स्वयं के साथ ईमानदार रहें और उन बातों को भी लिखे, जिनकी वजह से दूसरों को ठेस पहुंची हो या जिन से आपने दूसरों को दुख पहुंचाया हो।

यह आपकी बातों से किसी को नुकसान हुआ हो, डायरी लिखते समय आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप ऐसी बातें ना लिखें जो आपको खुद से ईमानदार रहने के बीच में रुकावट बने। डायरी लिखने से आपको खुद के साथ पूरी तरीके से ईमानदार बने रहना है, क्योंकि डायरी आपकी अंतरंग मित्र है। यह आपकी अत्यंत निजी दस्तावेजों में से एक होती है। अगर आप स्वयं के प्रति ईमानदार रहना नहीं सीखेंगे तो आप दूसरों के प्रति ईमानदारी नहीं निभा सकते।

इसलिए अगर आप डायरी में स्वयं की आलोचना करनी पड़े तो भी आप हिचकिचाएं नहीं। शुरू में हो सकता है आपको लिखने में दिक्कत आए। लेकिन बाद में आप पाएंगे कि आप खुद से ईमानदार हो रहे हैं और अपने दिमाग में चल रहे हैं। विचारों को बहुत ही सरल और बिना किसी हिचकिचाहट के लिख पा रहे हैं।

डायरी लेखन का महत्व (Importance of Diary Writing in Hindi) :

डायरी लेखन के पीछे सबसे बड़ा महत्व यह होता है कि यह आपके अंदर की भावनाओं को पन्नों पर उतारने की कला को निखारता है साथ ही साथ डायरी लेखन से आप खुद को अच्छे से समझ पाते हैं। अपने जीवन की अच्छाइयों, परेशानियों, घटनाओं, यादों को डायरी में लिख कर आप सुकून महसूस करते हैं और साथ ही साथ आपके अंदर एक अच्छा लेखक बनने की कला पैदा हो जाती है।

नियमित तौर पर लिखने से यह आपकी आदत हो जाती है जिससे आप स्वयं का साक्षात्कार कर पाने में नहीं हिचकी पाते। आप खुद से ऐसे सवाल भी पूछते हैं जो आप दूसरों से सुनना पसंद नहीं करेंगे। इसलिए आप स्वयं का विश्लेषण करें और जरूरत पड़े तो खुद की आलोचना भी करें, इससे आप अपने स्वभाव को अच्छे से समझ पाएंगे और अपने जीवन में जरूरी बदलाव ला पाएंगे।

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