गाय पर लेख – देश दुनिया में जानवरों की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन सभी प्रजातियां इंसानों के कामों में सहायक नहीं बन पाती हैं। मनुष्य जिस पशु को अपने साथ अपने घर में रखता है, उन्हें समय-समय पर खाना खिलाता है, पानी पिलाता है और इन प्राणियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखता है उन्हें पालतू कहा जाता है विश्व भर में कई सारे जानवरों को पालतू जानवरों की श्रेणी में रखा गया है।
कुछ पालतू पशुओं के बारे में हमें जानकारी होती है। लेकिन कुछ लोग अपने अजीबोगरीब शौक की वजह से ऐसे ऐसे जानवरों को पालते हैं। जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते है। ऐसा ही एक पालतू पशु है – गाय
गाय पर लेख हिन्दी में (Cow Essay in Hindi) :
दुनिया में सबसे ज्यादा पालतू जानवर के रूप में गाय का इस्तेमाल सदियों से होता आया है। लेकिन भारत के संबंध में गाय का विशेष जिक्र होता है। सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है, जहां गाय को देवी और माता का दर्जा मिला हुआ है। इसी गाय की महत्ता को जानते हुए आज की इस पोस्ट गाय पर लेख में हम गाय पर एक बहुत ही सुंदर और सरल लेख लेकर आए हैं हमें आशा है कि गाय पर लेख पढ़ने के बाद आप भी गाय पर लेख, लिख पाएंगे।
गाय पर लेख की प्रस्तावना (Cow Essay in Hindi) :
गाय का महत्व जितना भारत में है उतना शायद ही दुनिया के किसी देश में होता होगा। भारत में गाय को पुण्य दायिनी, पापनाशिनी, समृद्धि दायक और यश डायरी कहा गया है। भारत में गाय को गौ माता के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक घर में बनने वाली पहली रोटी को गाय को खिलाने के लिए निकाले जाने का रिवाज है। भारत के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा गायों को पाला जाता है। गायों को पालने वाले को गोपालक कहा जाता है। हम सब ने कभी ना कभी बचपन में छोटी कक्षा में गाय पर लेख जरूर ही लिखा होगा।
गाय का महत्व (Importance of Cow in Hindi) :
गाय को इसके दूध के लिए ही नहीं, बल्कि और भी कई चीजों के लिए पूजा और पाला जाता है। गोमूत्र गाय का घी गाय का दूध, गाय के गोबर को पवित्र सामग्री डाला जाता है। हवन और पूजा के दौरान विशेष तौर पर गाय का घी इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। हवन कुंड में गाय का घी डालने पर वातावरण की शुद्धि तो होती ही है। साथ ही साथ गाय का घी ऑक्सीजन भी बनाता है यह वैज्ञानिक रूप से सिद्धि हो चुका है।
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भारत के कई सारे ग्रामीण इलाकों में आज भी गाय के गोबर से घर के आंगन को लीपा जाता है। गाय का गोबर खेतों में इस्तेमाल होने वाला सर्वश्रेष्ठ खाद होता है। गोमूत्र और गाय का घी अनगिनत दवाइयों में काम में लिया जाता है, और गाय के दूध के महत्व के बारे में तो हम सभी बचपन से सुनते आए हैं। भारत में लोग अपने बच्चो को सुबह, शाम, गाय का दूध इसीलिए पिलाते है क्योंकि गाय के दूध में कई सारे पौष्टिक तत्व होते हैं। बालकों को गाय का दूध ना सिर्फ मजबूत हड्डियां प्रदान करता है। बल्कि उनके मस्तिष्क के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गाय की नस्लें (Breed of Cow in Hindi) :
दुनिया भर में गायों की हजारों नकली पाई जाती है लेकिन कुछ ही नस्ले होती हैं जिन्हें गाय पालने वाले खरीदना पसंद करते हैं भारत में भी कुछ प्रसिद्ध दुधारू गायों की नस्लें हैं जो अपने दूध देने की क्षमता की वजह से जानी जाती हैं इन मसलों में सबसे प्रमुख है साहिवाल नस्ल की गाय गिर नस्ल की गाय थारपारकर नस्ल की गाय लाल सिंधी नस्ल की गाय मेवाती नस्ल की गाय धन्नी नस्ल की गाय और दज्जल नस्ल की गाय।
गाय पर संकट (Cow in Trouble in Hindi) :
भारत देश जहां पर गायों का पूजन किया जाता है और इसे माता की तरह सम्मान दिया जाता है। गाय का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा की जाती हो। ऐसे देश में जब हम सुनते हैं कि गायों का मांस खाने के लिए इनकी हत्या की जा रही है तो उससे बड़ा कलंक कोई और हो नहीं सकता है। भारत में ऐसे कितने ही बड़े-बड़े कसाई खाने हैं जहां 1 दिन में हजारों गायों की हत्या की जाती है।
गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देकर इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार को बहुत ही कठोर नियम बनाने की आवश्यकता है। भारत के लोगों में गाय का सम्मान वापस जगाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने की आवश्यकता है। गौशाला चलाने वाले भी गायों की अच्छे से देखभाल नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से गायों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से आवारा गाय इन्हें भोजन समझकर खा लेती हैं, और फिर प्लास्टिक थैलियां इनकी मृत्यु का कारण बनती हैं। भारत देश में हजारों गाय प्लास्टिक की थैलियों का सेवन करने की वजह से मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं। जब तक गाय दूध देती है तब तक वह अपने मालिक के लिए प्यारी होती है, लेकिन जब गाय दूध देना बंद हो जाती है उन्हें घर से निकाल दिया जाता है और ऐसी बेघर गायों का कोई सहारा नहीं होता भूख से भी लगती गाय बिना सोचे समझे किसी भी चीज को खा लेती हैं और फिर मृत्यु को प्राप्त हो जाती है।
ऐसे में भारत के लोगों को एक बार फिर सोचने की जरूरत है कि हम हमारी संस्कृति को कौन सी दिशा में लेकर जा रहे हैं कि हमारी भारतीय संस्कृति ऐसी थी कि हम इतने निकृष्ट हो गए हैं कि एक गाय हमसे नहीं संभल रही, गाय को पालना क्या आज एक स्वार्थ का पर्याय बन गया है या गाय से ज्यादा से ज्यादा दूध हासिल करने के लिए ही उसकी देखभाल की जाती है? क्यों कसाई खानों में गायों की इतनी ज्यादा आवक हो रही है।
गाय पर लेख का उपसंहार (Cow Essay in Hindi) :
इस प्रकार हम गाय पर लेख निबंध में कह सकते हैं कि गायों की भारत में सर्वाधिक दुर्दशा हो रही है इस दुर्दशा के लिए कहीं ना कहीं हम मानव जाति जिम्मेदार है। गाय का सम्मान, गाय की सुरक्षा हमारी ही जिम्मेदारी है। गाय की दुर्दशा की वजह से हमारा समाज किसी न किसी रूप में पाप का भागी अवश्य हो रहा है। गाय को चारा खिलाकर रोटी खिलाकर हम उनकी भूख शांत कर सकते हैं। तब गाय को प्लास्टिक की थैलियां और खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस प्रकार भारत में गायों की स्थिति भी सुधरेगी और हमारे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी सहायता मिलेगी।
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