कोविड-19 पर निबंध – सारी दुनिया एक ऐसे दौर से गुजरी है, जिसके बारे में इस पृथ्वी पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने कल्पना नहीं की होगी। इस विश्व में कई ऐसी लाइलाज और अजीबोगरीब बीमारियां हैं जिनका इलाज किसी के पास नहीं है। लेकिन एक सामान्य सी दिखने वाली बीमारी कैसे इस दुनिया की हजारों लाखों लोगों की जान का कारण बन जाती है, देखते ही देखते दुनिया के हर कोने से लोगों के मरने की खबरें आई और पूरा विश्व सकते में आ गया।
वैज्ञानिक दिन – रात इस बीमारी की जड़ खोजने में एक करने लगे और दूसरी तरफ हर दिन लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आने लगे। जी हां हम बात कर रहे हैं। कोविड-19 की एक ऐसी बीमारी जिसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया और मानव प्रजाति को भारी नुकसान पहुंचाया।
एक ऐसी बीमारी जो विश्व के हर कोने में फैल कर लोगों की मौत का कारण बनी। पूरे 2 साल बाद यह दुनिया जैसे ठहर सी गई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए और परीक्षाओं के मद्देनजर हम आपके लिए कोविड-19 पर निबंध लेकर आए हैं। हमें आशा है कि यह निबंध पढ़कर आप भी कोविड-19 पर निबंध लिख पाने में सक्षम हो पाएंगे।
कोविड-19 पर निबंध की प्रस्तावना (Corona Essay in Hindi) :
विश्व भर के देशों को दहला देने वाली एक ऐसी महामारी जिसने विश्व की राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्थाओं को तोड़ कर रख दिया। पहले भी विश्व में कई महामारी फैली है। लेकिन उन्होंने इतने बड़े क्षेत्रों को अपनी चपेट में नहीं लिया था। इस महामारी में विश्व भर में लाखों लोगों की ज़िंदगीया ले ली। कोविड-19 महामारी विश्व भर में ऐसे फैली की दुनिया की कोई सरकार एकबारगी तो यह समझ नहीं पाई इसे रोका कैसे जाए?
कोरोना वायरस का फैलाव (Spread of Corona Virus in Hindi) :
दिसंबर 2020 चीन में लोग चीनी नववर्ष को धूमधाम से मनाने में व्यस्त थे। दुनिया भर के कई लोग चीन में इकट्ठा हो रखे थे। 9 दिसंबर के दिन चीन के वुहान राज्य में एक बेड मार्केट चलाने वाले को अचानक से निमोनिया की शिकायत हो जाती है और डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर उसे सामान्य खांसी जुखाम बुखार की दवाई देता है और कुछ दिन घर पर रहने के बाद जो व्यक्ति फिर से अपने काम पर लग जाता है।
धीरे-धीरे उस वेट मार्केट के बाकी दुकानदारों में भी ऐसे ही लक्षण पाए जाते हैं। बुहान शहर के डॉक्टर हरकत में आ जाते हैं कि एक साथ इतने लोगों को निमोनिया कैसे हो सकता है? सब को अलग रखा जाता है और ऐसे लोगों को ढूंढा जाता है, जो पिछले कुछ दिनों में इनके संपर्क में आए थे। चीन में नव वर्ष मनाने के बाद लोग अपने अपने देशों को चले जाते हैं और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी निमोनिया की शिकायत हो जाती है।
जनवरी 2021 आते-आते विश्व के लगभग सभी प्रमुख देशों में इस बीमारी के लक्षण लोगों में पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन तुरंत हरकत में आता है और सभी देशों की सरकारों को इसका पता लगाने के आदेश देता है। आखिरकार इस वायरस का पता चल जाता है और इसे नाम दिया जाता है कोविड-19।
दो साल तक लोगों की जिंदगीयां लेने वाला यह वायरल कोविड-19 की वैक्सीन बनने के बाद आखिरकार थोड़ा थोड़ा सा कंट्रोल में आ जाता है। वर्तमान समय में अब जब 11 साल से ऊपर के सभी लोगों को टिके दिए जाने का काम चल रहा है। अब भी हर दिन एक नए वेरिएंट का सामने आना लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है।
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कोरोना वायरस के आर्थिक प्रभाव (Economic Impact of Corona Virus in Hindi) :
कोरोना महामारी की वजह से विश्व को बहुत भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। 2 साल के इस लॉक डाउन की वजह से विश्व के कई देशों को अरबों रुपए का नुकसान हो चुका है। देश की आर्थिक स्थितियां अब जाकर पटरी पर आने लगी है। इस महामारी के दौरान लोगों की नौकरियां चली गई। गरीब लोग बेघर हो गए। खाने पीने की चीजों की कमी हो गई।
कोरोना वायरस के राजनैतिक प्रभाव (Political Effects of Corona Virus in Hindi) :
कोरोनावायरस के चलते देशों की राजनीतिक व्यवस्थाएं भी डगमगा गई। क्योंकि कई सारे राजनीतिक अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को कोरोनावायरस अपनी जान गवानी पड़ी। तेजी से बदलते मरीजों के आंकड़े और देशभर में होने वाले सर्वे और मरीजों की पहचान के काम को अपडेट करने की वजह से भी सरकारी महकमों में काम का बोझ पड़ गया।
कोरोना वायरस के सामाजिक प्रभाव (Social Effects of Corona Virus in Hindi) :
महामारी के दौरान सबसे ज्यादा असर समाज पर देखने को मिला। इस महामारी ने लोगों को घरों के अंदर बंद रहने के लिए मजबूर कर दिया। छोटी मोटी नौकरियां करने वालों की नौकरियां चली गई, जिससे वे दो वक्त की रोटी जुटा पाने में असमर्थ हो गए।
दिहाड़ी मजदूरी करने वालों की हालत सबसे बुरी थी। अपने घरों से दूर बिना नौकरी के यह लोग पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े और अपने घर पहुंचने से पहले ही अपनी जान गवा बैठे।
कोरोना वायरस के सांस्कृतिक प्रभाव (Cultural Effects of Corona Virus in Hindi) :
कोरोनावायरस के फैलने की वजह से देश की संस्कृतियों को सबसे बड़ा नुकसान हुआ, वह यह था कि साधन संपन्न लोग अमीर गरीब का वेद बुलाकर ऊंच-नीच का भेद बुलाकर सबकी मदद करने के लिए आगे आए। यह साधन संपन्न लोग लोगों तक खाना पहुंचाने, दवाइयां पहुंचाने और मजदूरों को उनके गृह नगर तक पहुंचाने के लिए दिन – रात एक कर के मेहनत करने लगे।
देश की सरकार ने दूसरे देशों की मदद से वहां रह रहे अपने नागरिकों को स्वदेश बुलाने की व्यवस्था की। स्वदेश आने के बाद इन लोगों को कुछ दिनों तक अलग रखा गया और इस प्रकार कोरोनावायरस की रोकथाम के प्रयास किए गए।
कोरोना वायरस के उपसंहार (Corona Essay in Hindi) :
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कोरोनावायरस नाम किस बीमारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। पूरी दुनिया एकजुट होकर इस बीमारी का हल निकालने को तत्पर दिखाई दी और पहले वैक्सीन बनाने वाले देशों ने अपने पड़ोसी देशों में व्यक्ति भिजवा कर मानवता का काम किया। राष्ट्रीय सहारा का यह बहुत बड़ा उदाहरण था।
कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया, लेकिन कई लोगों ने इस बीमारी को हराकर यह साबित कर दिया कि चाहे कितनी ही बड़ी बीमारी क्यों न हो? हमारी इच्छा शक्ति से बड़ी कोई भी चीज नहीं है। हम यही आशा करते हैं कि ऐसी महामारी विश्व में फिर कभी ना फैले और सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधा लोगों के पास पहले ही पहुंच जाएं।
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