CMO Full Form in Hindi | हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्ज़ा दिया जाता है। हर छोटी बड़ी बीमारी के लिए हम डॉक्टर के पास जाते है। हम बस अस्पताल जाते हैं, इलाज करवाते हैं और दवाइयाँ ले कर घर आ जाते हैं। लेकिन एक अस्पताल में मरीजों के इलाज और दवाइयाँ देने के अलावा भी बहुत सारे काम होते हैं जिन पर हम कभी शायद ही गौर कर पाते हैं। आज हम इस आर्टिकल में मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही एक पोस्ट के बारे में जानकारी लेकर आये हैं।
CMO क्या है? | What is CMO in Hindi
CMO मेडिकल क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली एक पोस्ट का नाम है जिसका पद सरकारी अस्पतालों के मेडिकल विभाग का प्रमुख होता है। एक सरकारी अस्पताल के प्रशासन से जुड़ा सारा काम उस असप्ताल के CMO की निगरानी में होता है। इसके अलावा एक CMO ज़िला स्तर पर भी चिकित्सा से जुड़ी कई तरह की जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं जिसके बारे में हम इस पोस्ट में आगे बताएंगे।
CMO का फुल फॉर्म क्या है? CMO Full Form in Hindi :
मेडिकल क्षेत्र में CMO का फुल फॉर्म होता है Chief Medical Officer जिसे हिंदी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहा जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ज़िला स्तर पर सरकारी अस्पताल के चिकित्सा विभाग का प्रमुख चिकित्सा अधिकारी या हैड होता है। CMO अपने से निचे काम करनेवाले डॉक्टरों के काम को अपनी देखरेख में सम्पन्न करवाता है। पूरे ज़िले के चिकित्सा सम्बन्धी कामों को इनकी देखरेख में सम्पन्न करवाया जाता है।
व्यवसाय जगत में सीएमओ का फुल फॉर्म (CMO Full Form in Hindi) Chief Marketing Officer जिसे हिंदी में मुख्य विपणन अधिकारी कहा जाता है। चीफ मार्केटिंग ऑफिसर का मुख्य काम एक कम्पनी की मार्केटिंग और विज्ञापन से सम्बंधित होता है।
CMO के कर्तव्य | Responsibilities of CMO in Hindi
CMO का पद मेडिकल विभाग में सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़ा पद होता है। इसलिए CMO के बहुत सारे कर्तव्य होते हैं। अब आइये जानते हैं CMO के क्या क्या कर्तव्य होते हैं :
- एक CMO अस्पताल परिसर में होने वाले दिन प्रतिदिन के काम काज की मॉनिटरिंग करता है।
- अस्पताल से जुड़े जितने भी तरह के प्रशासनिक काम होते हैं उन सब को एक CMO की देख रेख में किया जाता है।
- ज़िले में मरीज़ों की सुरक्षा के इंतजाम करना भी CMO का कर्तव्य होता है।
- अस्पताल से जुड़े सभी तरह के खर्चों, आय और व्यय का हिसाब किताब रखना भी CMO के अधीन ही होता है।
- अस्पताल में खाली पदों की जांच, उनकी विज्ञप्ति और नई भर्तियां भी अस्पताल के CMO की देख रेख में ही होता है।
- CMO दूसरे अस्पतालों और क्लीनिकों के निरीक्षण और जांच कार्य का काम निष्पक्ष तरीके से करने के लिए भी ज़िम्मेदार होते हैं।
- CMO अस्पताल के अंदर डॉक्टरों, नर्सों और बाकी कर्मचारियों जैसे सफाईकर्मी, वार्ड बॉयज़ और हेल्परों के बीच की बातों और टकरावों को सुलझाने का काम करते हैं।
- अस्पताल और ज़िले में आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण शिविरों और अन्य सभी तरह के शिविरों के आयोजन और उनकी निगरानी करने का भी काम करते हैं।
CMO के कार्य | Works of CMO in Hindi
अब आइये जानते है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कौन कौन से कार्य होते हैं –
- ज़िला स्तर पर चिकित्सा सेवाओं को आम लोगों तक पहुँचाने का काम CMO के द्वारा किया जाता है।
- ज़िलेभर में चल रहीं औषधियों की दुकानों में बेची जा रही दवाइयों की गुणवत्ता की जांच करना।
- प्रतिबंधित दवाइयों की अवैध बिक्री पर रोक लगाना।
- ज़िले के अस्पतालों की देख रेख, दवाइयों के डिस्ट्रीब्यूशन की जांच पड़ताल करना।
- ज़िले में चल रहे सभी प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक्स के लाइसेंस की जांच करना।
- ज़िले में काम कर रहे सभी सरकारी और निजी डॉक्टरों के लाइसेंस की जांच पड़ताल करना आदि काम एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी के होते हैं।
CMO कैसे बनें? | How to Become A CMO in Hindi :
CMO बनने के लिए आपको किन किन चीजों का ध्यान रखना चहिये इस बारे में हम नीचे विस्तार से बात करेंगे :
- केंद्र या राज्य के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से आपको सबसे पहले दसवीं बहुत अच्छे नम्बरों से पास करनी होगी क्योंकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की पोस्ट मेडिकल फील्ड से जुड़ी है और मेडिकल क्षेत्र में जॉब हासिल करना यानी डॉक्टर बनना इतना आसान भी नहीं होता है, इसलिए आप दसवीं अच्छे मार्क्स से पास कर लें।
- CMO बनने के लिए आपको 12 वीं में PBM लेना जरूरी है। PBM यानी PHYSICS, BIOLOGY और MATHS।
- 12 वीं में आपको कम से कम 60% स्कोर करना पड़ेगा जिससे आपको 12 वीं के बाद एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल सके।
- 12 वीं करने में बाद आपको आगे के चार साल तक MBBS की पढ़ाई करनी होती है।
- MBBS में एडमिशन लेने के लिए आपको अखिल भारतीय स्तर पर होने वाले NEET (The National Eligibility cum Entrance Test) के एग्जाम में बैठना होगा।
- MBBS का कोर्स करने के बाद आपको डिग्री भी मिल जाएगी और आप डॉक्टर भी बन जाएंगे।
- MBBS करने के बाद आप चाहें तो UPSC द्वारा आयोजित किए जाने वाले CMS (Combined Medical Services) के एग्जाम में बैठ कर इसकी अच्छी तैयारी कर सकते हैं।
- इस एग्जाम में कुल दो पेपर होते हैं जिनमें बहुचयनात्मक प्रश्न होते हैं। दोनों ही पेपर दो सौ पचास अंकों के होते हैं जिन्हें हल करने के लिए आपको दो घण्टों का समय दिया जाता है। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी की जाती है। इसलिए आपको इस एग्जाम को बहुत अच्छी तैयारी के साथ देना होगा।
- इस एग्जाम को पास करने के बाद आपको चिकित्सा अधिकरी के पद पर पोस्टिंग दे दी जाती है।
- आपको इस पोस्ट के बाद CMO की पोस्ट पर प्रमोशन मिल जाता है।
- इस तरह दोनों ही तरीकों से आप एक मुख्य कबिकित्सा अधिकारी बन सकते हैं।
CMO की सैलरी | Salary of CMO in Hindi :
भारत में एक CMO की वर्क प्रोफाइल और उनके द्वारा निभाई जाने वाले कामों को देखकर पता करते हैं कि एक CMO की सैलरी कितनी होती है। भारत में एक CMO की सैलरी औसतन छह लाख रुपए सालाना से लेकर तीस लाख रुपए सालाना तक होती है। इसके अलावा एक CMO को उसकी सैलरी के अलावा इन्हें हर साल बोनस भी दिया जाता है।
दोस्तों, जैसा की अब आप CMO का फुल फॉर्म (CMO Full Form in Hindi) के बारे में पता चल गया है, आइये अब हम जानते है।
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