BE Full form in Hindi | बीई एक चार वर्षीय इंजीनियरिंग कोर्स प्रोग्राम है जिसे बीटेक के समकक्ष की मान्यता दी गई है। इस कोर्स को भारत के साथ-साथ साउथ अफ्रीका, कनाडा, मलेशिया, रशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कई देशों में मान्यता दी जाती है। यह कोर्स इंजीनियरिंग फील्ड के लिए किया जाता है। इस कोर्स को भारत के आईआईटी और आईआईएम जैसे टॉप के शिक्षण संस्थानों में भी मान्यता दी जाती है।
BE Full form in Hindi | बीई का फुल फॉर्म क्या है?
बीई (BE) का फुल फॉर्म होता है बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (Bachelor of Engineering) और इसका कोर्स तीन से चार वर्षों का होता है। यह एकमात्र ऐसी डिग्री है जिससे इंजीनियरिंग के 4 से 5 वर्ष के कोर्स को करने के बाद भारत के केवल मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को दी जाने वाली व्यवसायिक स्नातक शैक्षणिक डिग्री है। यह डिग्री इंजीनियरिंग के किसी एक फील्ड को चुनकर की जाती है।
इंजीनियरिंग करने के लिए बीई करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भारत का विद्यार्थी इस डिग्री के साथ भारत से बाहर भी विदेशों में आसानी से नौकरी पा सकता है। भारत में भी कई सारे मल्टीनैशनल कॉरपोरेशंस और मल्टीनेशनल कंपनी है जो बीई डिग्री धारकों को बहुत अच्छे सैलेरी पैकेज पर नौकरी प्रदान करते हैं।
बीई में एडमिशन कैसे लें? | How to Take Admission in BE?
अब तक हमने यह जान लिया है कि बीई एक इंजीनियरिंग लेवल का कोर्स होता है। तो अब जानते हैं कि इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए हमें क्या करना चाहिए। जैसा की आप सबको पता होगा कि इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आपका 12 वीं पास होना जरूरी है। आप किसी भी मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड या केंद्रीय बोर्ड से 12वीं पास कर सकते हैं।
हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में इस कोर्स के लिए 12वीं के न्यूनतम मार्क्स अलग अलग हो सकते हैं लेकिन फिर भी सामान्यतया इंजीनियरिंग के इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को न्यूनतम 60% न्यूनतम अंक हासिल करने ही चाहिए।
बीई एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया | BE Eligibility Criteria
तो आइए जानते हैं कि इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना होगा।
पहला, 12वीं में आपको पीसीएम (PCM) यानी फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ ( Physics, Chemistry And Maths ) तीनों सब्जेक्ट पर बहुत ध्यान देना होगा। अगर आपने 12वीं में इन तीनों सब्जेक्ट को पढ़ा हैं तो ही आप इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
दूसरा, ज्यादातर यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेस में इस कोर्स के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाता है। तो 12 वीं के बाद अगर आपने यह कोर्स करने के लिए ठान लिया है तो आपको अच्छे से इसके एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करनी चाहिए ताकि आपको अपनी पसंद के कॉलेज में एडमिशन मिल सके।
भारत में JEE (Joint Entrance Test) और इसी के समकक्ष कई सारे एंट्रेन्स एग्जाम है जो इनकी मेरिट के बेस पर ही एडमिशन देते है।
बीई करने के लिए उपलब्ध ऑप्शन्स | Available Options for doing BE
इस इंजीनियरिंग कोर्स को करने के लिए आप अलग-अलग विषयों को चुन सकते हैं। हमने आपके लिए नीचे एक लिस्ट तैयार की है जो उन विषयों की है जिन्हें बीइ कोर्स में पढ़ाया जाता है। तो आप इनमें से कोई एक विषय सिलेक्ट करके यह कोर्स कर सकते हैं और हमने अभी तक यह भी जान लिया है कि यह कोर्स चार से पांच वर्ष का होता है इसलिए अपना विषय सेलेक्ट करने से पहले आप अच्छे से देख लें कि आपकी उस विषय में कितने रुचि है।
क्योंकि 4 वर्ष का समय किसी एक ही सब्जेक्ट को पढ़ने के लिए बहुत लंबा हो जाता है तो इस बात का आप खास ख्याल रखें।
आप नीचे दिए गए ऑप्शंस में से किसी एक को चुनकर बीई के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
यह लिस्ट इस प्रकार है –
- Mining Engineering ( खनन अभियांत्रिकी )
- Aerospace Engineering (अंतरिक्ष इंजीनियरिंग)
- Petroleum Engineering (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग)
- Marine Engineering (मरीन इंजीनियरिं
- Textile Engineering (टेक्सटाइल इंजीनियरिंग)
- Software Engineering (सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग)
- Agricultural Engineering (कृषि इंजीनियरिंग)
- Biological Engineering ( जैविक इंजीनियरिंग)
- Chemical Engineering (केमिकल इंजीनियरिंग)
- Geological Engineering (भूवैज्ञानिक इंजीनियरिंग)
- Computer Science And Technology (कंप्यूटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी)
- Industrial Engineering (औद्योगिक इंजीनियरिंग)
- Robotics And Automation (रोबोटिक्स और ऑटोमेशन)
- System Engineering (सिस्टम इंजीनियरिंग)
- Nuclear Engineering (नाभिकीय अभियांत्रिकी )
- Instrumentation Engineering (इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग)
- Electrical Controls Engineering (विद्युत नियंत्रण इंजीनियरिंग)
- Clean Technology (स्वच्छ प्रौद्योगिकी)
- Automotive Engineering (ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग)
- Mechatronics Engineering (मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग)
- Leather Engineering (चमड़ा इंजीनियरिंग)
- Mechanical Engineering (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
- Instrumentation Engineering (इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग)
बीई कोर्स फीस | BE course fee
बीई के कोर्स की फीस हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अलग अलग होती है। सरकारी और निजी दोनों तरह के कॉलेजेस इस कोर्स को करवाते हैं। इस कोर्स की औसतन फीस पच्चीस हज़ार (सरकारी कॉलेज) से शुरू होती है और प्राइवेट कॉलेजेस में इसकी फीस पांच से छह लाख तक जा सकती है।
बीई एंट्रेंस एग्जाम | BE Entrance Exam
वैसे तो नॉर्मली हर कॉलेज इस कोर्स के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट तो लेते ही हैं लेकिन अगर आपको देश के टॉप कॉलेजेस जैसे आईआईटी और आईआईएम जैसे शिक्षण संस्थानों में इस कोर्स को पढ़ना है तो आपको जेईई (JEE – JOINT ENTRANCE EXAM) को पास करना होगा। देश में हर साल लाखों स्टूडेंट्स इसका एग्जाम देते हैं तो आपको भी अच्छे से इस एग्जाम की तैयारी करनी चाहिए।
बीई और बीटेक में अंतर | Difference between BE and BTech
बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि बीई और बीटेक दोनों एक ही तरह के कोर्सेज हैं लेकिन ऐसा नहीं है। हां हम यह ज़रूर कह सकते हैं कि बीई और बीटेक के कोर्सेस को एक दूसरे के समकक्ष माना जाता हैं लेकिन फिर भी इन दोनों कोर्स में बहुत बड़ा अंतर है। आइए जानते हैं कैसे। देखिए, बीई का जो कोर्स होता है उसमें जो सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं उनमें थ्योरी पर ज्यादा ज़ोर दिया जाता है। कहने का मतलब यह है कि इस कोर्स में आपको चीजों का नॉलेज तो दिया जाता है लेकिन वह ज़्यादातर थ्योरी बेसिस पर होता है।
जबकि बीटेक के कोर्स में आपको थ्योरी तो पढ़ाई जाती है लेकिन वह बीई से थोड़ी कम मात्रा में होती है। थ्योरी की बजाय बीटेक में प्रैक्टिकल नॉलेज और प्रैक्टिकल स्किल्स पर ज्यादा फोकस किया जाता है। तो इसीलिए अगर आप कंफ्यूज है कि आपको बीई में एडमिशन लेना चाहिए या बीटेक में तो आपको पहले इस बात का अच्छा सा नॉलेज हो जाना चाहिए कि आपकी रूचि थ्योरी में ज्यादा है या प्रैक्टिकल में। तो हमें आशा है कि आपके कन्फ्यूज़न का सॉल्यूशन आपको मिल गया होगा।
दोस्तों, जैसा की अब आप बीई का फुल फॉर्म (BE Full Form in Hindi) के बारे में पता चल गया है, आइये अब हम जानते है।
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