बाल दिवस पर निबंध – भारत में कई सारे ऐसे त्योहार मनाए जाते हैं जो हमारे इतिहास के कुछ महान लोगों की उपलब्धियों को याद दिलाते हैं। भारत के आजादी के संघर्ष में अपना प्रमुख योगदान देने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला।
बच्चों के प्रति उनके विशेष प्रेम के कारण हम उन्हें चाचा नेहरू बुलाते हैं और इसीलिए उनके जन्मदिन को हम बाल दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाते हैं इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए बाल दिवस विषय पर एक बहुत ही सुंदर और सरल निबंध लेकर आए हैं। अगर आप भी बाल दिवस विषय पर एक बहुत ही सुंदर निबंध लिखना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
बाल दिवस पर निबंध 100 शब्द (Bal Diwas Essay in Hindi 100 Words) :
हमारे देश भारत में बाल दिवस को एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाए जाने का रिवाज है। भारत में बाल दिवस की शुरुआत सन 1956 में की गई थी। बाल दिवस का त्यौहार भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस यानी 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन बच्चे बहुत ही उत्साह से इसे मनाते हैं।
बच्चे इस दिन का इंतजार लंबे समय से करते हैं। बाल दिवस के दिन बच्चों के लिए कई सारे आयोजन किए जाते हैं इस दिन बच्चे अपने कौशल दिखाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी करते हैं। इस दिन बच्चों के लिए विशेष समय नारों का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चों को नैतिक मूल्यों अनुशासन सद्भावना जैसे जीवन मूल्यों को सिखाया जाता है। बाल दिवस का त्यौहार सभी बच्चों का सबसे प्रिय त्यौहार है।
बाल दिवस पर निबंध 250 शब्द (Bal Diwas Essay in Hindi 250 Words) :
भारत में बच्चों के लिए विशेष तौर से मनाए जाने वाले त्योहारों में बाल दिवस का त्यौहार सबसे प्रमुख त्योहार है। बच्चे बड़ी बेसब्री से बाल दिवस का इंतजार करते हैं। भारत में बाल दिवस को मनाने का चलन सन 1956 से शुरू हुआ था। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल निभाने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से विशेष प्रेम था ऐसा कहा जाता है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कई घंटे बच्चों के साथ बैठकर बातें करने और उनके साथ खेलने में बिताते थे।
बच्चों के प्रति उनके इस विशेष प्रेम की वजह से ही बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को ही हम अपने देश में बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रचलन है। बाल दिवस के दिन कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके बच्चों बच्चों को इस दिन का महत्व समझाया जाता है। विद्यालय में विशेष तौर पर बाल दिवस के दिन कई सारे आयोजन करके बच्चों का मन बहलाया जाता है। बच्चों के कौशल को निखारने के लिए कई सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।
बाल दिवस के दिन बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहन कर पूरे दिन इस दिन का आनंद लेते हैं। बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करके उन्हें उनके महत्व को बताया जाता है। बालकों को उनके जीवन का महत्व समझाने के लिए विशेष स्वभाव का आयोजन भी किया जाता है। बाल दिवस के दिन भारत सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जैसे समाज के ऐसे वर्गों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
जिन्हें अभी तक सारी प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं ऐसे बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवा कर और उन्हें पढ़ाई की तरफ अग्रसर करवाकर उन्हें हम बाल मजदूरी जैसे को चक्र से निकाल सके तभी बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य सार्थक हो पाएगा।
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बाल दिवस पर निबंध की प्रस्तावना (Bal Diwas Essay in Hindi) :
भारत में वैसे तो हजारों तोहार हर दिन बनाए जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे विशिष्ट त्यौहार आते हैं। जो सबसे अलग होते हैं ऐसा ही एक राशियों पर है बाल दिवस ऐसा किसके नाम से ही पता चल रहा है बाल दिवस बच्चों का दिन होता है।
बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई? (How did Bal Diwas Start in Hindi?) :
भारत में बाल दिवस मनाने का प्रचलन सन 1956 से शुरू हुआ था। भारत में बाल दिवस मनाने की शुरुआत स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। उनके जन्मदिन को ही बाल दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। इस प्रकार भारत में बाल दिवस मनाने का प्रचलन शुरू हुआ था तब तक भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
बाल दिवस कब मनाया जाता है? (When is Bal Diwas Celebrated in Hindi?) :
पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को ही हम अपने देश में बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 सितंबर को हुआ था इसलिए 14 सितंबर के दिन हम पूरे भारत में बहुत ही उस उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
बाल दिवस का महत्व (Importance of Bal Diwas in Hindi?) :
बच्चे बाल दिवस का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। पंडित नेहरू को बच्चों से विशेष प्रेम था जिसकी वजह से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से संबोधित करते थे। बाल दिवस के दिन बच्चों के लिए शिक्षण संस्थानों में विशेष तौर पर मेलों का आयोजन किया जाता है। 1 दिन बचे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते है।
बाल दिवस मनाया जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्हें कुपोषण से दूर रखने के लिए उन्हें एक स्वस्थ और सरल जीवन शैली देने के लिए घर के बड़ों को प्रण लेना होता है। समाज के ऐसे सबको में विशेष कार्य किया जाना चाहिए जहां पर बच्चे अपने जीवन की मूलभूत सुविधाओं का हाथ से लिख कर पाने में असमर्थ है। बाल मजदूरी को अवैध घोषित करने के बावजूद आज भी भारत में कई जगह पर छोटे बच्चे काम करके दिखाई देते हैं ऐसे बच्चों को विद्यालय भेजकर उनके पढ़ने की सुविधा की देखभाल लोगों के द्वारा की जानी चाहिए।
बाल दिवस पर निबंध का उपसंहार (Bal Diwas Essay in Hindi) :
इस प्रकार कहा जा सकता है कि बाल दिवस एक बहुत ही विशिष्ट त्यौहार है जिसमें बच्चे अपनी प्रतिभा को निखारने और उनका प्रदर्शन करने का मौका पाते हैं बच्चों के भविष्य और उनके इस तर्क को ध्यान में रखते हुए उन्हें दूसरों से बेहतर बनाने की कोशिश जरूर की जानी चाहिए।
लेकिन इसके लिए बच्चों को किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं लाना चाहिए अपने बच्चों के चुनाव कभी भी दूसरों के बच्चों के साथ ना करें ऐसा करने से आपके बच्चे में हीन भावना जागृत हो सकती है। बाल दिवस के दिन बड़े लोगों को यह संकल्प करना चाहिए कि वह अपने बच्चों को समाज के बनाए मानदंडों पर खरा उतारने के चक्कर में उनके बचपन को सवारना चाहिए।
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