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मेरा प्रिय त्योहार दिवाली, होली और रक्षाबंधन पर निबंध (Mera Priya Tyohar Nibandh in Hindi)

भारत को त्योहारों का देश कहना गलत नहीं होगा। यहां हर दिन कोई ना कोई त्योहार मनाया जाता है। भारत के त्योहार यहां की संस्कृति और सभ्यता का आईना हैं। लोग अपने अपने क्षेत्रों की परंपरा और रीति रिवाज़ो का पालन कर के इन त्योहारों को मनाते हैं। छोटे बच्चों को अपनी संस्कृति और सभ्यता का भान कराने के लिए विद्यालयों में हिंदी, अंग्रेज़ी और संस्कृत की किताबों में उस क्षेत्र विशेष के किसी न किसी खास त्योहार से जुड़ा एक पाठ ज़रूर होता है। और इसी आज की इस पोस्ट हम में मेरा प्रिय त्योहार दिवाली, होली और रक्षाबंधन पर निबंध के बारे में जानकारी हासिल करेंगें।

मेरा प्रिय त्योहार दिवाली (Mera Priya Tyohar Diwali Par Nibandh in Hindi) :

मेरा प्रिय त्योहार दिवाली है। दिवाली का त्यौहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की और अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाने की परंपरा है। दिवाली का त्यौहार हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि लंका का राजा रावण जब सीता माता का अपहरण करके उन्हें जबरदस्ती लंका लेकर गया था।

तब सीता माता को वापस लाने के लिए भगवान श्री राम ने रावण को युद्ध में हराया था। जिस दिन भगवान श्री राम माता सीता को लेकर अयोध्या वापस आए थे। उसी दिन को दिवाली के तौर पर मनाए जाने का रिवाज भारत में शुरू हो गया। भारत में हिंदू सभ्यता के लोगों के लिए दिवाली का त्योहार सबसे प्रमुख त्यौहार होता है। दिवाली से पहले सभी घरों में लोग साफ सफाई करते हैं। दिवाली के समय बाजारों को रोशनी और से सजाया जाता है।

भारत के कई इलाकों में दिवाली पर मेले भी लगते हैं। दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार आता है, जिसमें लोग धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। धनतेरस के दिन घर में किसी वस्तु को खरीद कर लाना बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए बाजारों में धनतेरस के दिन विशेष तौर पर हजारों की भीड़ उमड़ पड़ती है।

घरों को रंगा जाता है, घरों के आगे रंगोलियां बनाई जाती है। तोरण से घरों के दरवाजों को सजाया जाता है और दिवाली पर तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान भी बनाए जाते हैं। दिवाली के दिन घर के सदस्यों के लिए नए कपड़े आते हैं। दिवाली का त्यौहार बच्चों को खासतौर से पसंद होता है। क्योंकि दिवाली के दिन बच्चे जमकर पटाखे फोड़ते हैं। मेरा प्रिय त्योहार दिवाली के 2 दिन बाद भाई दूज आती है, जिसमें बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर और मिठाई खिलाकर उनके लिए व्रत करती हैं वही भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देकर उन्हें उपहार देते हैं।

मेरा प्रिय त्योहार होली (Mera Priya Tyohar Holi Par Nibandh in Hindi) :

होली मेरा प्रिय त्योहार है। भारत में होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। भारत की होली से प्रेरित होकर विश्व के दूसरे कई देशों ने भी होली का त्यौहार मनाना शुरू कर दिया है। हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार आखिरी महीने यानी फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप के एक प्रहलाद नाम का बेटा था, वह बचपन से ही भगवान श्री हरि विष्णु की भक्ति में बहुत लीन रहता था। लेकिन उसके राक्षस जाति के पिता को यह कतई अच्छा नहीं लगता था कि उसका बेटा वर्ग में बसने वाले किस देवता के नाम का जाप करें।

हिरण्यकश्यप ने बेटे को बहुत बार समझाया लेकिन प्रहलाद तो बस विष्णु भगवान की तपस्या में लीन रहता था। इस बात से गुस्सा होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलीका को बुलाया। होलिका को भगवान ब्रह्मा का एक वरदान मिला हुआ था कि वह आग से कभी जलेगी नहीं, तो हिरण्यकश्यप ने सोचा कि मेरी बहन को तो ब्रह्मा जी का वरदान मिला हुआ है, तो उसने ढेर सारी लकड़ियां मंगवाई और लकड़ियों के बीच वो पालथी मारकर बैठी। ढेर सारी लकडिया और अपनी बहन होलिका के चारों ओर रखवा दिया।

इसके बाद उसने अपने बेटे प्रहलाद को होलिका की गोद में बिठाया और लकड़ियों में आग लगा दी। लेकिन जैसे ही लकड़ीयो ने आग पकड़ी, होलिका दर्द के मारे चिल्लाने लगी। सब यह देख कर हैरान हो गए कि होलिका को तो ब्रह्मा जी का वरदान मिला हुआ है तो फिर यह दर्द से चीख क्यों रही है? देखते ही देखते होलिका उस आग में जल गई। लेकिन प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ।

इसी वजह से भारत में होलिका दहन किया जाता है। मेरा प्रिय त्योहार होली के अगले दिन भारत के सभी क्षेत्रों में लोग अपने परिवार वालों को, रिश्तेदारों को, दोस्तों को, गुलाल लगाकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। मेरा प्रिय त्योहार होली पर मिठाइयां भी बनती है, लोग बहुत हर्षोल्लास से इस त्योहार को मनाते हैं। इस प्रकार हंसी खुशी का हर्षोल्लास का और रंगों का त्यौहार होने की वजह से होली मेरा प्रिय त्यौहार है।

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मेरा प्रिय त्योहार रक्षाबंधन (Mera Priya Tyohar Raksha Bandhan Par Nibandh in Hindi) :

रक्षाबंधन मेरा प्रिय त्यौहार है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन को रक्षाबंधन के दिन के रूप में मनाया जाने का रिवाज है। यह त्यौहार एक बहुत ही सरल और अपनेपन की भावना से मनाया जाता है। राखी के त्यौहार का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि वर्तमान काल में पारिवारिक रिश्तो में दरार अपनेपन की कमी की वजह से एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से दूर दूर रहना शुरू कर देते हैं।

तो ऐसे में राखी का एक त्यौहार ही ऐसा त्यौहार है, जो परिवार के लोगों के बीच प्रेम और अपनापन बढ़ाने में मददगार साबित होता है। राखी का त्यौहार भाई – बहनों का त्यौहार होता है। रक्षाबंधन के नाम से जाना जाने वाला यह त्योहार निस्वार्थ प्रेम की निशानी है। राखी के त्यौहार के दिन बहनें बहुत जल्दी उठकर सिंगार करती हैं, सजती – सवर्ती है, और नए कपड़े पहनती हैं। शुभ मुहूर्त देखकर बहने अपने भाइयों की कलाई पर सुंदर – सुंदर राखियां बांधती है और बदले में भाई अपनी बहनों की सुरक्षा और सम्मान का वचन देते हैं।

मेरा प्रिय त्योहार रक्षाबंधन के दिन भाई बहन अपने बीच की नोकझोंक और तकरार बुलाकर यह त्यौहार मनाते हैं। राखी बांधने पर बहनों को उपहार भी दिया जाता है। अगर वह ससुराल में है, तो उसका भाई उसे लेने उसके ससुराल आता है। मेरा प्रिय त्योहार के दिन बहन राखी लेकर अपने पीहर जाती है और वहां अपने भैया – भाभी को राखी बांधकर अपने प्रेम का इजहार करती है। बदले में बहनों के भाई और भाभीया उन्हें उचित उपहार देकर प्रसन्न करने की कोशिश करती हैं। वर्तमान समय के बदलते परिप्रेक्ष्य में बहनों की सुरक्षा से प्रार्थी बांधने तक ही सीमित नहीं रह गई है।

भाइयों को चाहिए कि वे अपनी बहनों की सुरक्षा उनके जीवन के हर पथ पर हर कठिनाई पर करके अपने कर्तव्य और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, इसी से भाई बहनों के बीच में प्रेम और आत्मीयता बढ़ती है।

मेरा प्रिय त्योहार ईद (Mera Priya Tyohar Eid Par Nibandh in Hindi) :

ईद मेरा प्रिय त्यौहार है। ईद शब्द भारतीय भाषा का है, जिसका मतलब होता है हर्षोल्लास खुशी या त्यौहार, ईद का त्यौहार मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार होता है। लेकिन भारत एक ऐसा देश है। जहां पर सभी धर्मों को समान भावना से देखा जाता है। इसलिए यहां पर ईद के त्यौहार के दिन हिंदू लोगों द्वारा भी ईद मुबारक कहकर इसकी खुशी जाहिर की जाती है।

इस्लाम की कुछ मान्यताओं के अनुसार हजरत मोहम्मद पैगंबर ने जब बद्र के युद्ध में जीत हासिल कर ली। तब उनके मक्का लौटने की खुशी में लोगों ने मिठाईयां बांटी थी। इसीलिए ईद को ईद-उल-फितर या मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए-नए वस्त्र पहनते हैं। उनके चेहरों की रौनक और खुशी देखते ही बनती है। हम अपने घरों को सजाते हैं। मेरा प्रिय त्योहार ईद पर हम घर में नई नई चीजें खरीदते हैं। हमारे घरों में ईद की तैयारियां बहुत दिनों पहले ही शुरू हो जाती हैं, क्योंकि ईद का नाम सुनते ही सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरा प्रिय त्योहार ईद का त्यौहार पवित्र रमजान के महीने के बाद मनाया जाता है। क्योंकि रमजान के महीने में सभी लोग रोजे रखते हैं। तो पूरे 1 महीने के व्रत और उपवास के बाद यह त्यौहार लोगों के चेहरों पर हंसी और खुशी लेकर आता है। ईद के दिन मस्जिदों की सजावट देखते ही बनती है। ईद के दिन हम सभी लोग मस्जिद जाते हैं, और एक साथ नमाज पढ़ते हैं। नमाज पढ़ने के बाद हम सब की खुशहाली और बरकत की दुआ मांगते हैं।

मेरा प्रिय त्योहार ईद के त्यौहार के दिन पूरे भारत में छुट्टी होती है। लेकिन उससे पहले स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करवा कर बच्चों से ईद पर निबंध लिख पाए जाते हैं। इससे पहले रमजान के महीने में हम लोग दिल खोलकर दान और पुण्य करते हैं। पुरुष मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं और स्त्रियां घर पर नमाज अदा करती हैं। बच्चे और जवान और पुरुष एक-दूसरे के घर जाकर ईद मुबारक कहते हैं और गले मिलते हैं।

मेरा प्रिय त्योहार के दिन हर उस इंसान के गले लगाया जाता है। जो अपना हो जो रूठ गया हो या जिससे बोलचाल बंद हो। ईद का दिन सारे गिले शिकवे भुला कर अपनापन बढ़ाने का दिन होता है। इस दिन हर घर में मीठी सेवइयां बनती है, और जो भी रिश्तेदार मिलने आता है। हम उन्हें ईद के दिन बच्चे बहुत उत्साह ही नजर आते हैं।

क्योंकि ईद के दिन मिलने वाली ईदी जो कि बड़ों कोई मुबारक बोलने पर पैसों के रूप में दी जाती है। इसलिए बच्चे विशेष तौर पर सभी बड़ों को ईद मुबारक बोलने एक दूसरे के घर जाते हैं। इस प्रकार मेरा प्रिय त्योहार ईद एक हंसी खुशी और हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला त्यौहार है।

मेरा प्रिय त्योहार स्वतंत्रता दिवस (Mera Priya Tyohar Swatantrata Diwas Par Nibandh in Hindi) :

हमारा स्वतंत्रता दिवस मेरा प्रिय त्योहार है। 200 वर्षों से भी ज्यादा की अंग्रेजों की गुलामी से आखिरकार जब भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। तब देश के लोगों में ही नहीं, बल्कि आजादी के संघर्ष में अपना बलिदान दे चुके हैं और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं की आंखों में हमारे सपनों का भारत बनाने का जज्बा अंगड़ाइयां ले रहा था। 15 अगस्त के दिन भारत आजाद तो हो गया। लेकिन भारत का एक हिस्सा पाकिस्तान हमसे अलग हो गया।

टुकड़े होने के बावजूद भी भारतीयों के मन में अपने देश के प्रति देशभक्ति किसी भी दिशा से कम नहीं हुई। भारत की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले सैनिकों नेताओं और आम जनता की याद में और देश के आजाद होने के उपलक्ष में भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। मेरा प्रिय त्योहार के दिन पूरे भारत में टीवी पर रेडियो पर अखबारों में देशभक्ति से ओतप्रोत समाचार छपते और सुने जाते हैं।

मेरा प्रिय त्योहार 15 अगस्त के दिन पूरे भारत वासियों के मन में उच्च स्तर का देश प्रेम देखने को मिलता है। हर गली कूचे में देश भक्ति के गाने अनाया से गानों को सुनाई दे जाते हैं। सरकारी दफ्तरों कंपनियों के ऑफिस हो स्कूल कॉलेजों की इमारतों मैं झंडारोहण किया जाता है। भारत के तिरंगे को सलामी देते हुए राष्ट्रगान का सस्वर गायन किया जाता है। स्कूलों कॉलेजों और सेना में परेड का आयोजन किया जाता है।

मेरा प्रिय त्योहार के इस दिन जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। मैं मेरे प्रिय त्योहार 15 अगस्त के दिन हर साल सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेती हूं। मुझे 15 अगस्त के दिन होने वाली हमारे स्कूल की परेड में हिस्सा लेने का भी मौका मिलता है। यह मुझे उत्साह और देश प्रेम से लबरेज कर देता है। भारत भर में जगह-जगह आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हमारे बलिदानी वीरों को याद किया जाता है, और उनके सम्मान में भाषण दिया जाता है।

भारत के प्रधानमंत्री भी दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण कर देश को संबोधित करते हैं। आजादी के बाद से भारत ने कई क्षेत्र में आमूलचूल प्रगति कर ली है। लेकिन हमारे वीरों के बलिदान और उनकी कुर्बानी को याद रखते हुए हमें कभी भी अपने मन से देश प्रेम की भावना को नहीं हटाना चाहिए।

देश प्रेम की भावना रखने का मतलब यह नहीं होता कि आप सरहद और ऊपर जाकर लड़े या सेना में भर्ती हो गए। देश प्रेम की भावना को बरकरार रखने के लिए, भ्रष्टाचार को कम करने, रिश्वतखोरी को कम करने, घूस लेने वालों के खिलाफ, कार्रवाई करके अपने गली मोहल्लों के साफ-सफाई के प्रति सजग रहकर, स्वदेशी वस्तुओं और देश में बनी हुई चीजों का इस्तेमाल करके भी अपने देश प्रेम की भावना को बढ़ा सकते है।

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